पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह के खिलाफ इलाहाबाद विश्वविदयालय प्रशासन के तेवर अचानक नरम Prayagraj News
इविवि के महिला हॉस्टल परिसर में कई वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें लगे ठेकेदार के लोग शाम छह बजे के बाद भी हॉस्टल में आकर अश्लील हरकत करते हैं।
प्रयागराज,जेएनएन । इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह के खिलाफ इविवि प्रशासन के तेवर अचानक नरम हो गए। इविवि ने ऋचा की शोध अवधि विस्तार रोकने की अनुशंसा वापस ले ली।
ऋचा की शिकायत के बाद तो नरम नहीं पडा इविवि प्रशासन
बता दें कि ऋचा इविवि के विकास अध्ययन केंद्र की शोध छात्रा हैं। उनके शोधकार्य के पांच वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। ऐसे में उन्होंने शोध की अवधि में छह माह के विस्तार के लिए इविवि को पत्र लिखा। इसी बीच ऋचा ने दो दिसंबर को नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव और राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन से मिलकर शिकायत कर दी। आरोप लगाया कि इविवि के महिला हॉस्टल परिसर में कई वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें लगे ठेकेदार के लोग शाम छह बजे के बाद भी हॉस्टल में आकर अश्लील हरकत करते हैं। इस पर इविवि प्रशासन ने हॉल ऑफ रेजीडेंस छात्रावास में अवैध तरीके से रहने का आरोप लगा छात्रावास खाली करने का नोटिस जारी किया। साथ ही पांच दिसंबर को शोध अवधि विस्तार संबंधी प्रक्रिया निलंबित करने की कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू से अनुशंसा की। ऋचा की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम जांच करने पहुंची।
चीफ प्रॉक्टर बोले, छात्रहित में फैसला लिया
चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रामसेवक दुबे का कहना है कि पूर्व में जारी नोटिस के अनुपालन में हॉस्टल खाली करने व अदेयता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने संबंधी विषय पर पुनर्विचार कर छात्रहित में फैसला लिया है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय का लिया निर्णय इस बात का प्रमाण है कि विवि अनैतिक कार्यों को छिपाने के लिए छात्रों का अकादमिक करियर खतरे में डाल देता है।