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प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य बोले, Coronavirus infection की दूसरी लहर में चंद्रमा की मुख्य भूमिका, जानें- क्‍या है 'रक्षा कवच'

ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे बताते हैं कि ज्योतिष दृष्टि से देखें तो इसमें चंद्रमा का मुख्य भूमिका है। चंद्रमा कफ प्रधान ग्रह है। चंद्रमा के दूषित होने पर जातक सर्दी जुकाम से पीडि़त रहता है। साथ ही चंद्रमा मन का कारक भी होता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 12:08 PM (IST)
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य बोले, Coronavirus infection की दूसरी लहर में चंद्रमा की मुख्य भूमिका, जानें- क्‍या है 'रक्षा कवच'
ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे बताते हैं कि चंद्रमा के दूषित होने पर जातक सर्दी जुकाम से पीडि़त रहता है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से सभी परेशान हैं। हर कोई इससे बचने का जतन ढूंढ रहा है। कोरोना का सेकेंड वेव वायरस सीधे फेफड़ों पर अटैक करके लोगों की जान तक ले रहा है। इससे लोग अधिक परेशान हैं। कोरोना सेकंड वेव में मुख्य रूप से सर्दी, जुकाम, बुखार बढ़ता है। फिर निमोनिया या फेफड़े का गंभीर इंफेक्शन होता है जिससे सांस लेने में समस्या आती है। घबराहट-बेचैनी बढ़ जाती है।

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बोले, भगवान शिव की उपासना करने से कष्ट से शीघ्र मुक्ति मिलेगी

ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे बताते हैं कि ज्योतिष दृष्टि से देखें तो इसमें चंद्रमा का मुख्य भूमिका है। चंद्रमा कफ प्रधान ग्रह है। चंद्रमा के दूषित होने पर जातक सर्दी जुकाम से पीडि़त रहता है। साथ ही चंद्रमा मन का कारक भी होता है, जिसकी कुंडली में चंद्रमा दूषित है अथवा व्यक्ति चंद्र प्रधान है वो इस समस्या से पीडि़त हो रहा है। इसमें भगवान शिव की उपासना करने से कष्ट से शीघ्र मुक्ति मिलेगी।

ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे ने कहा कि कमजोर चंद्रमा देता है यह रोग

अमित बहोरे बताते हैं कि जिनकी कुंडली में कर्क राशि या कर्क लग्न है। वृश्चिक राशि या वृश्चिक लग्न है अथवा उनका चंद्रमा राहू, शनि या केतु के साथ बैठा है। वह इस महामारी में या तो संक्रमित हो रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि जब चंद्रमा कुंडली में कमजोर या पीडि़त हो तो व्यक्ति को हृदय रोग, फेफडे, दमा, गर्भाशय के रोग, माहवारी में अनियमितता, चर्म रोग, रक्त की कमी, नाडी मंडल, निद्र्रा, ज्वर, तपेदिक, बलगम, जुकाम, सूजन, जल से भय, गले की समस्याएं, उदर-पीड़ा, फेफडों में सूजन, क्षयरोग आदि रोगों की संभावना अधिक होती है। मनोस्थिति में नकारात्मक विचार चंद्रमा के कमजोर होने से आते हैं। वर्तमान समय में कोरोना रोग से अधिक कोरोना भय लोगों की जान ले रहा है। इसमें मन को मजबूत करने का सबसे अधिक प्रयास करना चाहिए।

इन मंत्रों का जाप है कल्याणकारी

-'ऊं नम: शिवाय' का जप हर समय मन में करते रहें। इससे आत्मबल मिलेगा।

-'ऊं सोम सोमाय नम:' का जप भी कल्याणकारी है।

-'ऊं जूं स:'

कोरोना पीडि़त भी करें जप, नकारात्मक लोगों या खबर से दूर रहें

अमित बहोरे बताते हैं कि कोरोना पीडि़त बिस्तर में लेटकर ही मन में यथाशक्ति 'ऊं नम: शिवाय' अथवा 'ऊं नम: शिवाय मम (अपना नाम लें) रक्षा कुरु कुरु स्वाहा' का जप करने से मरीज का लाभ मिलेगा। इन उपाय को करके कोरोना रूपी महामारी से बचाव कर सकते हैं। साथ ही अपने मन को इतना मजबूत कर सकते है कि हमारे मन पर नकारात्मक हावी नहीं होने पाए।


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