साइबर स्पेस की कठपुतली बनकर रह गए हैं एशियाई देश : डॉ. पांडेय
जासं, इलाहाबाद : आज हमारी सभी गतिविधियों का संचालन साइबर स्पेस के माध्यम से हो रहा है। इस
जासं, इलाहाबाद : आज हमारी सभी गतिविधियों का संचालन साइबर स्पेस के माध्यम से हो रहा है। इस साइबर स्पेस का कंट्रोल देश के बाहर से हो रहा है। ऐसे में हम साइबर स्पेस की कठपुतली बनकर रह गए हैं। जरूरत इस बात की है कि दक्षिण एशिया के सभी देश मिलकर इसके नियंत्रण के बारे में पहल करें। यह बातें शुक्रवार को डीआरडीओ के प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. डीसी पांडेय ने कहीं। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के सेंटर ऑफ कम्प्यूटर एजुकेशन द्वारा आयोजित एडवांसेज इन कम्प्यूटिंग कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय स्पैक्ट्रम इलेक्ट्रोमैगनेटिक और राडार के क्षेत्र में नए नए शोध का है। बस, हमें ध्यान यह रखना होगा कि जो भी शोध हों वे मानव के कल्याण को लेकर हों। एमएनएनआइटी के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में हो रहे नए नए प्रयोग पर चर्चा की। उन्होंने शोधार्थियों को कुछ नया करने को प्रेरित किया। इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज की निदेशक प्रो. नीलम यादव ने सेंटर की गतिविधियों से परिचित कराया। उद्घाटन सत्र के अंत में आइएसीथ्रीटी-2018 के अध्यक्ष व सेंटर ऑफ कम्प्यूटर एजुकेशन के पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो. आरआर तिवारी ने सभी का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन बीएचयू के प्रो. विवेक कुमार सिंह ने किया। यह कांफ्रेंस इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स द्वारा प्रायोजित व इविवि के स्टूडेंट चैप्टर के तत्वावधान में आयोजित है। उद्घाटन सत्र में ट्रिपलआइटी के प्रो. अनुपम अग्रवाल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी दी। सेमिनार में त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के प्रो. सुबर्ना शाक्य, बांग्लादेश की युनिवर्सिटी आफ राजशाही के प्रो. रूबाइयत यासमीन व प्रो. मिर्जा एएफएम आदि ने भी व्याख्यान दिए।