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हिदुत्व के पुरोधा अशोक सिंहल को मिले भारत रत्‍‌न : प्रभाकर

परमहंस प्रभाकर महाराज ने पीएम मोदी को पत्र भेजकर स्व. अशोक सिंहल को भारत रत्‍‌न देने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 07:23 PM (IST)
हिदुत्व के पुरोधा अशोक सिंहल को मिले भारत रत्‍‌न : प्रभाकर
हिदुत्व के पुरोधा अशोक सिंहल को मिले भारत रत्‍‌न : प्रभाकर

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण आंदोलन के नायक रहे स्व. अशोक सिंहल को भारत रत्‍‌न देने की मांग उठी है। गायत्री-गंगा चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंधक परमहंस प्रभाकर जी महाराज ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि भारत रत्‍‌न क्षेत्र विशेष में बेहतर योगदान करने वाली विभूतियों को दिया जाता है। अशोक सिंहल सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के सच्चे रक्षक थे। श्रीराम मंदिर आंदोलन से जन-जन को जोड़ने के साथ वेद, पुराण व संस्कृत को संरक्षित किया और उसका देश-विदेश में प्रचार-प्रसार किया। इसके लिए विद्यालय खुलवाया यहां तक कि वैदिक विद्यालय चलाने के लिए अपना घर दान कर दिया।

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1990 व 1992 की कारसेवा का हिस्सा रहे प्रभाकर जी महाराज कहते हैं कि अशोक सिंहल ने हमेशा हिदुत्व की रक्षा की बात कही थी। कभी किसी जाति विशेष के लोगों का उन्होंने अहित नहीं किया। उन्होंने भगवा वस्त्र धारण नहीं किया था, लेकिन उनका जीवन किसी संत से कम नहीं था। यही कारण है कि हिदू के अलावा दूसरे सम्प्रदाय के व्यक्ति भी उनका हृदय से सम्मान करते हैं। कारसेवकों से हटे मुकदमा

परमहंस प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि कोर्ट में श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण विवाद का पटाक्षेप हो गया है। मंदिर निर्माण भी शुरू होने वाला है। ऐसी स्थिति में कारसेवकों व वरिष्ठ नेताओं के ऊपर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएं, क्योंकि अब उसका कोई औचित्य नहीं है। कारसेवा पर बने ऑडिटोरियम

अयोध्या में बनने वाले मंदिर में परमहंस प्रभाकर जी महाराज ने कारसेवकों की गौरवगाथा पर आधारित एक ऑडिटोरियम बनाने की मांग की है। कहा कि इसके लिए वह श्रीराम जन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास व महामंत्री चंपत राय से जल्द मिलेंगे।


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