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Magh Mela 2021 : सांस्कृतिक संध्या में असम और कश्मीर के कलाकारों ने बिखेरी छटा

भजन गायक मनोज गुप्ता ने माघ पर्व स्नान का फल है भक्तों भारी गाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया। उनके साथ बांसुरी पर रविशंकर वायलिन पर जयकिशन तबले पर शिव गुप्ता और आक्टोपैड पर प्रशांत भट्ट ने साथ दिया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 09:16 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 09:16 PM (IST)
Magh Mela 2021 : सांस्कृतिक संध्या में असम और कश्मीर के कलाकारों ने बिखेरी छटा
त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम और कश्मीर से आए लोक कलाकारों ने नृत्य गीत प्रस्तुत किए।

प्रयागराज, जेएनएन। संस्कार भारती के सांस्कृतिक उत्सव अवलोकन तीरथराजु चलो रे कार्यक्रम की शुरुआत रविवार को भजन गायक मनोज गुप्ता ने अपने भजनों से की। इस दौरान राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्रों ने नाटक भी प्रस्तुत किया। साथ ही त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम और कश्मीर से आए लोक कलाकारों ने नृत्य गीत प्रस्तुत किए।

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नाटक में पौराणिकता के साथ आधुनिकता का अद्भाुत संगम

भजन गायक मनोज गुप्ता ने माघ पर्व स्नान का फल है भक्तों भारी, गाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया। उनके साथ बांसुरी पर रविशंकर, वायलिन पर जयकिशन, तबले पर शिव गुप्ता और आक्टोपैड पर प्रशांत भट्ट ने साथ दिया। वहीं दिल्ली की नाट्य संस्था थिएटरवाला ने रामजी बाली के निर्देशन में सीता बनवास प्रस्तुत कर नारी की स्थिति और उसके स्वाभिमान का सवाल उठाया। आगा हश्र कश्मीरी के लिखे इस नाटक में पौराणिकता के साथ आधुनिकता का अद्भाुत संगम दिखा। नृत्य गीतों की शुरुआत त्रिपुरा के लोक कलाकारों ने रेंग जनजाति में होने वाले होजागिरी नृत्य से की। लहलहाती फसल को देखकर खुशी और उल्लास से किसान नाचते हुए माता होजागिरी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अहिला रेंग के नेतृत्व में आए इस दल के नृत्य को दर्शकों ने तालियां बजाकर खूब सराहा। इसके बाद कश्मीर से आए कलाकारों ने पहाड़ी नृत्य पेश किया। आंध्र प्रदेश के लोक कलाकारों ने आगे बढ़ाते हुए लम्बाडी नृत्य पेश किया। संचालन योगेंद्र मिश्र विश्वबंधु ने किया। पिछले कई दिनों से संस्कार भारती के सांस्कृतिक उत्सव में पेश किए जा रहे कायर्क्रम के देखने के लिए भीड़ जुट रही है। हरियाणा, राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों से आए कलाकारों की प्रस्तुतियां दर्शकों को झुमा रही हैं।

तीन दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकार शिविर का समापन

संस्कार भारती के सांस्कृतिक उत्सव अवलोकन तीरथराजु चलो रे में राज्य कला अकादमी उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकार शिविर का रविवार को समापन हो गया। इसमें मां गंगा और उसके तट के विविध रूपों को दर्शाया गया है। साथ ही गंगा तट पर विभिन्न वेषभूषा में आए साधु संन्यासियों के सुंदर चित्र अंकित किए गए।  शिविर में कई राज्यों से आए 19 चित्रकारों ने हिस्सा लिया। साथ ही उनके द्वारा बनाए गए चित्रों को प्रदर्शित भी किया गया। उद्घाटन संस्कार भारती की अध्यक्ष कल्पना सहाय ने किया। चित्रों में गंगा तट पर बसी टेंट नगरी और कल्पवास कर रहे लोगों के भी आकर्षक चित्र बनाए गए हैं। इस अवसर पर काशी प्रांत के संगठन मंत्री दीपक शर्मा, डॉ. प्रदीप भटनागर, योगेंद्र मिश्र, राजेश श्रीवास्तव, पंकज गौड़, रंजना त्रिपाठी, विशाल यादव आदि मौजूद रहे।


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