जाने क्या थी वजह, प्रतापगढ़ में कुनबे संग फौजी धरने पर बैठा
फौजी रंजीत का आरोप है कि 23 अगस्त को पुलिस ने उन्हें उनके पिता शीतला प्रसाद भाई रजनीश व चाचा चंद्र प्रकाश को कोतवाली बुलाया। कोतवाली में चुंगी चौकी इंचार्ज राजेश राय व सिपाहियों ने उन्हें उनके पिता चाचा व भाई को मारा-पीटा।
प्रतापगढ़,जेएनएन। महीने भर पहले नगर कोतवाली में पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के विरोध में कुनबे संग फौजी ने कचहरी में धरना दिया। शाम को एडीएम के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया। फौजी के परिवार मामले में कोतवाली पुलिस के कार्यप्रणाली की एसपी से शिकायत की थी। आरोप है कि इसी खुन्नस में कोतवाली पुलिस ने थाने बुलाकर बदसलूकी की।
श्रीनगर में है फौजी की तैनाती
नगर कोतवाली क्षेत्र के कोहड़ा गांव निवासी फौजी रंजीत कुमार राय इन दिनों श्रीनगर में तैनात हैं। वह नौ अगस्त को एक महीने के छु्ट्टी पर घर आए थे। रंजीत के पिता शीतला प्रसाद व भाई रजनीश अधिवक्ता हैं।रंजीत का आरोप है कि 22 अगस्त को उनके खेत में पड़ोसी गांव के हजारी प्रसाद पटेल का जानवर चला गया था। इसका उलाहना देने पर हजारी प्रसाद के स्वजनों ने विवाद किया था। पुलिस हजारी प्रसाद और उसके बेटे को पकड़कर पुलिस कोतवाली ले गई, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इसकी शिकायत एसपी से की गई थी। इसी वजह से कोतवाली पुलिस नाराज हो गई।
पुलिस ने थाने पर बुलाया और की बदसलूकी
रंजीत का आरोप है कि 23 अगस्त को पुलिस ने उन्हें, उनके पिता शीतला प्रसाद, भाई रजनीश व चाचा चंद्र प्रकाश को कोतवाली बुलाया। कोतवाली में चुंगी चौकी इंचार्ज राजेश राय व सिपाहियों ने उन्हें, उनके पिता, चाचा व भाई को मारा-पीटा। अगले दिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके उन्हें व उनके भाई को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से वह जमानत पर छूट गए। बाद में डीएम के आदेश पर उनका जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण हुआ।
शिकायत पर नहीं हुई तो धरने पर बैठे
रंजीत ने कोतवाली में पुलिस द्वारा की गई मारपीट की शिकायत एसपी, आइजी, एडीजी, डीजीपी से की। इस प्रकरण में कोई सुनवाई न होने पर फौजी रंजीत राय पिता शीतला प्रसाद, भाई रजनीश व चाचा चंद्र प्रकाश के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
एडीएम के आश्वासन पर धरने से उठे
इसके अलावा उन पर जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसकी विवेचना किसी दूसरे जिले की पुलिस से कराई जाए। इस बीच बुधवार शाम एडीएम धरना स्थल पर पहुंचे और हफ्ते भर में पूरे प्रकरण की जांच पूरी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद रंजीत ने धरना समाप्त कर दिया।