माघ मेला के लिए सेना से मांगी जमीन
माघ मेला को श्रद्धालुओं के लिए समय से बसा दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। संगम तीरे की जमीन के लिए सेना से अनुमति मांगी गई है। सभी संबंधित विभागों से कार्यो का प्रस्ताव भी मांगा गया है और जमीन समतलीकरण व सफाई के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
तैयारी
- शासन से मिली सैद्धांतिक सहमति, विभागों से मांगा गया प्रस्ताव
- गंगा पर चार पांटून पुल बनाने की योजना, समतलीकरण का टेंडर निकला जासं, प्रयागराज : माघ मेला को श्रद्धालुओं के लिए समय से बसा दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। संगम तीरे की जमीन के लिए सेना से अनुमति मांगी गई है। सभी संबंधित विभागों से कार्यो का प्रस्ताव भी मांगा गया है और जमीन समतलीकरण व सफाई के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
मेला बसाने के लिए 534.38 हेक्टेयर का एरिया तय हो चुका है। इसके लिए शासन से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। अब इसे बसाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन से सहमति मिलते ही जमीन के लिए मेला प्रशासन ने सेना को पत्र लिख दिया है। चूंकि संगम किनारे की जमीन सेना की है। इसलिए मेला बसाने के लिए हर साल जिला प्रशासन को उनकी अनुमति लेनी पड़ती है। उसी के बाद ही वहां पर पुल, चकर्ड प्लेट आदि का काम शुरू हो जाएगा। आसार है कि सोमवार तक वह औपचारिकता पूरी हो जाएगी। इसी के साथ लोक निर्माण विभाग, जल निगम, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत वितरण खंड, सिंचाई विभाग, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, नगर निगम आदि से मेला में कराए जाने वाले कार्यो का प्रस्ताव मांगा गया है। इन सभी का प्रस्ताव सोमवार तक मेला प्रशासन को मिल जाएगा, उसके बाद उसी आधार पर बजट की सहमति हो जाएगी। चूंकि मेला बसाने के लिए अब समय कम बचा है, इसलिए कई कार्यो में कटौती भी की जाएगी। उसी हिसाब सभी विभागों को प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है। मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान रखते हुए मेला बसाया जाएगा। अभी केवल समतलीकरण और सफाई के लिए टेंडर निकाला गया। सोमवार तक विभागों से प्रस्ताव आने के बाद अन्य टेंडर भी निकालकर जल्द से जल्द काम कराया जाएगा। इस बार गंगा पार चार पांटून पुल बनाने की योजना है। जल्द ही इसका निर्माण शुरू हो जाएगा।