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संगम से श्रृंगवेरपुर तक होगा पुरातात्विक सर्वेक्षण, एएसआइ का प्रोजेक्ट

एएसआइ ने संगम से श्रृंगवेरपुर तक पुरातात्विक सर्वेक्षण का प्रोजेक्‍ट इविवि के संघटक महाविद्यालय ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज को दिया है। 40 किमी की दूरी में यह सर्वेक्षण किया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 02:54 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 02:54 PM (IST)
संगम से श्रृंगवेरपुर तक होगा पुरातात्विक सर्वेक्षण, एएसआइ का प्रोजेक्ट
संगम से श्रृंगवेरपुर तक होगा पुरातात्विक सर्वेक्षण, एएसआइ का प्रोजेक्ट

प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने एक बड़ा प्रोजेक्ट दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत संगम से श्रृंग्वेरपुर तक करीब 40 किलोमीटर की दूरी में पुरातात्विक सर्वेक्षण होगा। इस सर्वेक्षण का मकसद धार्मिक ग्रंथों में वर्णित प्राचीन बस्तियों का पता लगाना व उन पर शोध करना शामिल है। इसमें मुख्य फोकस रामवनगमन पथ श्रृंग्वेरपुर से भारद्वाज आश्रम तक व बुद्धगमन पथ साकेत से कौशांबी तक पर भी शोध करना है।

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 कॉलेज के प्राचार्य व प्रोजेक्ट के निदेशक प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संयोजक डॉ. आनंद शंकर सिंह ने बताया कि, विभाग के ही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जमील अहमद इस प्रोजेक्ट में उपनिदेशक के तौर पर कार्य करेंगे। जिले में सोरांव व सदर तहसील के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा। दोनों तहसीलों के अभी तक प्रकाश में न आने वाले पुरास्थलों पर सर्वेक्षण व प्रलेखन का कार्य किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में ड्रोन कैमरे, जीपीएस जैसी अत्याधुनिक प्रणाली का भी प्रयोग होगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग, राज्य पुरातत्व विभाग की इलाहाबाद इकाई की भी सहायता ली जाएगी। इसमें नदी अनुभागों के अध्ययन को भी शामिल किया जाएगा।

 इविवि के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ आर्कियोलॉजी की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रो. यूसी चट्टोपाध्याय इसमें आब्जर्वर के रूप में कार्य करेंगे। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज दुबे, डॉ. रागिनी राय, डॉ. कृष्णा सिंह व अतिथि प्रवक्ता अश्विनी राय सहयोगी की भूमिका में होंगे।


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