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एपीएस भर्ती 2010 : अपर निजी सचिव भर्ती में चहेतों की खातिर बदला नियम, आरोपपत्र जारी

यूपीपीएससी की एपीएस भर्ती 2010 में चहेतों को नियुक्ति दिलाने का राजफाश हुआ है। विशेष सचिव और अन्य को आरोपपत्र सौंपकर 15 दिन में जवाब मांगा गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 02:17 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 02:17 AM (IST)
एपीएस भर्ती 2010 : अपर निजी सचिव भर्ती में चहेतों की खातिर बदला नियम, आरोपपत्र जारी
एपीएस भर्ती 2010 : अपर निजी सचिव भर्ती में चहेतों की खातिर बदला नियम, आरोपपत्र जारी

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 में चहेतों को नियुक्ति दिलाने का राजफाश हुआ है। विशेष सचिव स्तर के अफसर ने बिना उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रस्ताव का अवलोकन किए चयन का नियम बदल दिया। इसमें शासन की भी सहमति नहीं ली गई, फिर भी हाई कोर्ट और शीर्ष कोर्ट में भर्ती का मानक बदलने का हलफनामा भी दाखिल किया गया। जांच में यह सामने आने पर विशेष सचिव और अन्य को आरोपपत्र सौंपकर 15 दिन में जवाब मांगा गया है।

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उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 शुरू से विवादों में हैं। 250 पदों की भर्ती में चहेतों को नियुक्ति दिलाने के गंभीर आरोप हैं। भर्ती की आशुलिपिक परीक्षा में गलती की छूट पांच प्रतिशत तक दिए जाने का प्राविधान है। इसे बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया गया। इस संबंध में न्याय व कार्मिक विभाग से परामर्श भी नहीं किया गया। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग से जारी प्रस्ताव का अवलोकन किए बिना प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया।

इस संबंध में एसएलपी दाखिल हुई जिसमें यह हलफनामा दाखिल किया गया कि नियमों में बदलाव करने का अधिकार है। हाई कोर्ट में याचिका खारिज हुई तो शीर्ष कोर्ट में प्रकरण पहुंचा तो वहां भी ऐसा ही हलफनामा दाखिल किया गया। प्रकरण तूल पकड़ने पर शासन ने इसका संज्ञान लिया और तत्कालीन विशेष सचिव शिवकुमार शुक्ल को आरोपपत्र सौंपकर 15 दिन में जवाब मांगा है। इस मामले में आयोग से लेकर सचिवालय सहित कई बड़े अधिकारी (अनुभाग व समीक्षा अधिकारी) घेरे में हैं। 

ऐसे बढ़ी भर्ती : एपीएस भर्ती का विज्ञापन 25 दिसंबर 2010 को जारी किया। पहले चरण में सामान्य अध्ययन व हिंदी की परीक्षा 22 सितंबर 2013 को हुई। दूसरे व तीसरे चरण की परीक्षा हिंदी आशुलिपिक व अन्य की परीक्षा 23 से 30 मार्च 2014 तक हुई। तीन चरण की परीक्षाओं का रिजल्ट 19 जून 2015 को आया था। सफल अभ्यर्थियों की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा 11 सितंबर 2016 को हुई और अंतिम परिणाम तीन अक्टूबर 2017 को जारी हुआ था।

सीबीआइ कर रही जांच : यूपीपीएससी की पांच साल की भर्तियों की जांच सीबीआइ कर रही है। एपीएस भर्ती 2010 का परिणाम 2017 में आने से सीबीआइ ने प्रदेश सरकार से इस भर्ती की जांच देने का अनुरोध 19 जून 2018 को किया। 11 सितंबर 2018 को प्रदेश सरकार ने केंद्र को जांच की अनुमति भेजी। 15 जनवरी 2019 को जांच सीबीआइ को सौंपी गई। सीबीआइ ने 14 फरवरी 2019 को इस भर्ती की पीई दर्ज कराई है।


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