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Apravasi Bhartiya Diwas : साउथ कोरिया में तकनीकी ज्ञान बांट रहे कौशांबी के धनंजय सिंह

Apravasi Bhartiya Diwas मूलत कौशांबी जिले के गांव मोहद्दीनपुर निवासी धनंजय सिंह ने पब्लिक इंटर कालेज मनौरी से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की थी। उसके बाद यूनाइटेड इंजीनियर कालेज से बीटेक और ट्रिपलआइटी से एमटेक किया। यहां से पढ़ाई के बाद वह साउथ कोरिया गए।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:21 PM (IST)
Apravasi Bhartiya Diwas : साउथ कोरिया में तकनीकी ज्ञान बांट रहे कौशांबी के धनंजय सिंह
धनंजय सिंह हांकुक यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं।

  प्रयागराज,जेएनएन। ट्रिपलआइटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कौशांबी के धनंजय सिंह साउथ कोरिया में देश का नाम रौशन कर रहे हैं। वह साउथ कोरिया के शहर सियोल स्थित हांकुक यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। इसके अलावा रिसर्च ऑन सेंसर नेटवर्क बेस्ड सर्विस (आरईसेंस) लैब के डायरेक्टर भी हैं। वह पिछले 15 साल से वहां पर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। उनकी इन उपलब्धियों पर वाराणसी में 2019 हुए आप्रवासी सम्मेलन में उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।

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ट्रिपलआईटी से एमटेक हैं धनंजय सिंह

मूलत: कौशांबी जिले के गांव मोहद्दीनपुर निवासी धनंजय सिंह ने पब्लिक इंटर कालेज मनौरी से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की थी। उसके बाद यूनाइटेड इंजीनियर कालेज से बीटेक और ट्रिपलआइटी से एमटेक किया। यहां से पढ़ाई के बाद वह साउथ कोरिया गए।

दक्षिण कोरिया से पीएचडी के बाद वहीं शुरू किया शिक्षण कार्य

वहां पर उन्होंने पीएचडी की और फिर हांकुक यूनिवर्सिटी में शिक्षण कार्य शुरू कर दिया। वह वायरलेस कम्यूनिकेशन के विशेषज्ञ भी हैं। इसके अलावा वहां पर सेंसर नेटवर्क बेस्ट सर्विस पर रिसर्च भी कर रहे हैं।

उनके पिता प्रेम सिंह और एमएनएनआइटी में सहायक अभियंता पद पर तैनात उनके बड़े भाई संजय परिवार सहित प्रीतनगर में रहते हैं।

भाई भी दक्षिण कोरिया में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद पर हैं तैनात

धनंजय के छोटे भाई मधुसूदन सिंह भी दक्षिण कोरिया में ही असिस्टेंट प्रोफेसर पर तैनात हैं। उनका भांजा राहुल सिंह भी हांकुक यूनिवर्सिटी में रिसर्च फेलो हैं। वह यूनिवर्सिटी के एटमास्फियर एनवायरमेंट डिपार्टमेंट में एयर क्वालिटी पर रिसर्च कर रहे हैं।


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