DRM Office Case: Central Bureau of Investigation की जांच के दायरे में आए एपीओ हटाए गए
डीआरएम कार्यालय में कार्मिक डिवीजन से सभी कर्मचारियों का वेतन जारी होता है। आरोपित है कि पिछले साल यहां तैनाती के दौरान सहायक कार्मिक अधिकारी लवकुश ने हेराफेरी की थी। उन्होंने एक लोको पायलट के खाते में करीब एक करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिया था।
प्रयागराज,जेएनएन। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की जांच की जद में आए उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के प्रयागराज मंडल में तैनात सहायक कार्मिक अधिकारी (एपीओ) लवकुश को उनके पद से हटा दिया गया है। उन्हें एनसीआर मुख्यालय से सम्बद्ध किया गया है। करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में सीबीआइ ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। इसके बाद रेलवे ने यह कार्रवाई की है।
नवाब यूसुफ रोड स्थित डीआरएम कार्यालय में कार्मिक डिवीजन से सभी कर्मचारियों का वेतन जारी होता है। आरोपित है कि पिछले साल यहां तैनाती के दौरान सहायक कार्मिक अधिकारी लवकुश ने हेराफेरी की थी। उन्होंने एक लोको पायलट के खाते में करीब एक करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिया था। उसके खाते में अचानक कई गुना धनराशि पहुंचने पर बैंक के अधिकारियों को शक हुआ तो उन्होंने रेलवे के अफसरों को बताया। इसके बाद शिकायत पर विभागीय जांच कराई गई।
गड़बड़ी मिली तो एपीओ के खिलाफ चार्जशीट जारी की गई। मामले में मेजर पेनाल्टी होनी थी लेकिन अधिकारियों ने मामूली पेनाल्टी की कार्रवाई की। कुछ समय बाद मामला सीबीआइ तक पहुंचा। यह भी शिकायत है कि इससे पहले कई बार 99-99 हजार रुपये की रकम भेजी गई थी। सीबीआइ की टीम ने कुछ महीने पहले एपीओ और उस समय कार्यालय में काम कर रहे कुछ लिपिकों से पूछताछ की थी। पिछले हफ्ते सीबीआइ टीम फिर आई और एपीओ और कुछ बाबुओं से पूछताछ के अलावा उनके घर और दफ्तर की छानबीन की।
टीम कई दस्तावेज अपने साथ ले गई है। बैंक खातों की जांच भी की जा रही है। एनसीआर के सीपीआरओ डॉ शिवम शर्मा ने बताया कि सीबीआइ की जांच चल रही है। उसकी जो रिपोर्ट आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सहायक कार्मिक अधिकारी को प्रयागराज मंडल से हटाकर एनसीआर मुख्यालय में भेजा गया है।