संगम नगरी में बना एक और कीर्तिमान, इस बार स्कूली बच्चों के नाम रहा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड Prayagraj News
जी हां प्रयागराज के खाते में एक और विश्व रिकार्ड जुड़ गया है। इस बार जल आधारित प्रयोग करके डीपीएस में जुटे 4272 बच्चों ने मिलकर कारनामा कर दिखाया है।
प्रयागराज, जेएनएन। जी हां, प्रयागराज की धरती पर एक और कीर्तिमान बन गया है। इस बार शनिवार को संगमनगरी से बच्चों ने विश्व कीर्तिमान रच दिया। नैनी स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में कक्षा छह से 12 तक के 4272 स्कूली छात्र-छात्राओं ने जल आधारित प्रयोगों के विषय में लिटमस पेपर पर अपनी राय जाहिर करके यह कारनामा कर दिखाया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा एडजुडिकेटर शेफाली मिश्रा ने किया। इसके पहले 12 अगस्त 2016 को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में 2895 बच्चों के नाम यह कीर्तिमान था।
जल आधारित प्रयोग को जुटे तमाम स्कूलों के बच्चे
नैनी के अरैल में स्थित डीपीएस में शनिवार को जल आधारित प्रयोग के आयोजन में मीरजापुर, प्रतापगढ़, कौशांबी व रेणुकूट (सोनभद्र) के कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कुल 4313 विद्यार्थी प्रतिभाग करने पहुंचे थे। इसमें 41 अयोग्य हो गए। कार्यक्रम डीपीएस पब्लिक स्कूल, श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल और आई साइंस वर्ड की ओर से आयोजित किया गया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की शेफाली मिश्रा बतौर पर्यवेक्षक मौजूद थीं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र सौंपा। सीबीएसई की क्षेत्रीय अधिकारी श्वेता अरोड़ा, डीपीएस की निदेशक सोनू सिंह, श्रीमहाप्रभु पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य रबिंदर बिरदी समेत तमाम तमाम विशिष्टजन इस अवसर पर मौजूद रहे।
डीपीएस में था बच्चों के कुंभ का नजारा
शहर के श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल एवं दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के संयुक्त तत्वावधान में आइ साइंस वल्र्ड की ओर से शनिवार को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स रिकार्ड बनाने के लिए डीपीएस में हजारों विद्यार्थी जुटे तो ऐसा लग रहा था मानो बच्चों के कुंभ का आयोजन हो। गिनीज वल्र्ड रिकार्ड के लार्जेस्ट साइंस प्रैक्टिकल सेशन में नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के लिए यह सब बच्चे जुटे थे। उन्होंने जल आधारित प्रयोग किया।
गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स की एडजुडिकेटर शैफाली ने कहा
गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स की एडजुडिकेटर शैफाली मिश्रा शुक्रवार को ही प्रयागराज पहुंच चुकी थीं। उन्होंने बताया कि इस रिकार्ड को तोडऩे के लिए दुनिया भर में यह 10 वां और भारत में दूसरा प्रयास था। हालांकि यह पहला प्रयास है, जहां जल आधारित प्रयोग को मुख्य विषय के रूप में रखा गया है। उन्होंने बताया कि कनाडा में दो रिकार्ड बने थे, जहां 13 हजार बच्चों ने आठ अलग-अलग कैंपस में प्रयोग किया था। आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में एक ही परिसर में 2900 के प्रयोग करने का भी रिकार्ड है।