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जिले में गंगा पर एक और पुल बनेगा जो गंगापार और यमुनापार को जोड़ेगा Prayagraj News

यमुनापार में गंगा पर एक और पुल बनाया जाएगा। दैनिक जागरण ने लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को उठाया था। सांसद डॉ. जोशी के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने प्रशासन से रिपोर्ट मंगाई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 07:43 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 11:29 AM (IST)
जिले में गंगा पर एक और पुल बनेगा जो गंगापार और यमुनापार को जोड़ेगा Prayagraj News
जिले में गंगा पर एक और पुल बनेगा जो गंगापार और यमुनापार को जोड़ेगा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जिले में गंगा पर एक और पुल बनेगा। यह ब्रिज गंगापार और यमुनापार को जोड़ेगा। इलाहाबाद की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने केंद्रीय सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर पुल बनाए जाने की मांग की। गडकरी ने जिला प्रशासन से पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव मांगा। जिले से प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया गया है।

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दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा

दैनिक जागरण ने लोकसभा चुनाव के पहले यमुनापार और गंगापार को जोडऩे के लिए गंगा पर नए पुल का मुद्दा उठाते हुए प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। दैनिक जागरण का मांगपत्र सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को भेंट किया गया था, जिसे केंद्रीय मंत्री गडकरी को भी उन्होंने दिखाया था। अभी पुल यमुनापार में करछना के लकटहा, मेजा के सिरसा और मदरा मुकुंदपुर में से एक स्थान पर बनाए जाने का प्रस्ताव गया है। इनमें से ही किसी एक स्थान के लिए जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। जहां उपयुक्त होगा, वहां पर ही पुल का निर्माण कराया जाएगा। इस पुल से प्रयागराज के गंगापार और यमुनापार आपस में जुड़ जाएंगे। 

खास बातें

15 लाख से ज्यादा की आबादी को आवागमन में होगी सुविधा

10 जिलों से ज्यादा लोगों को इस पुल का मिलेगा लाभ

03 दशक से लोगों को सिर्फ मिलता रहा आश्वासन

04 माह बाढ़ के दौरान आने-जाने में होती है दिक्कत

पुल बनने से इन जिले के लोगों को भी मिलेगी सुविधा

इसके अलावा प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा, कौशांबी, फतेहपुर, सोनभद्र की कनेक्टीविटी आसान हो जाएगी। इन जिलों की दूरी भी कम हो जाएगी। खास बात यह कि मध्य प्रदेश, बिहार के वाहनों के लिए भी यह पुल कई जिलों के लिए सुविधा प्रदान करेगा।

पांटून पुलों से होती है आवाजाही

अभी यमुनापार और गंगापार के लोगों को एक-दूसरे स्थान पर जाने के लिए पांटून पुल ही सहारा होते हैैं। ये पुल भी मात्र सात-आठ माह तक के लिए होते हैैं। नवंबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते से पुल शुरू होते हैैं तो जून तक ही इसका लाभ मिलता है। ये पुल लटकहा, सिरसा और मदरा मुकुंदपुर में बनते हैैं। इनकी लागत हर साल लगभग एक करोड़ रुपये होती है, जिस पर वाहनों से शुल्क लिया जाता है। पांटून पुलों से बड़े वाहन नहीं जाते। जमुनापार जागृति मिशन के संयोजक डॉ.भगवत पांडेय का कहना है कि इस पुल के बनने से बुंदेलखंड तथा पूर्वांचल की दूरी कम हो जाएगी। डॉ.पांडेय ने सांसद से मांग किया है कि ऐसे स्थान पर पुल का निर्माण हो, जहां से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके।


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