उम्मीदें 2020 : महिला साथियों की आवाज हैं एएनएम 'मीरा दीदी' Prayagraj News
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एएनएम के पद पर तैनात मीरा देवी यानी मीरा दीदी कार्य कर रही हैं। वह महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ को लेकर आवाज उठा रही हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। महिला साथियों के हक की लड़ाई लडऩे वाली मीरा देवी देखते ही देखते कब मीरा दीदी बन गईं यह उन्हें भी नहीं पता। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ होने वाले उत्पीडऩ के लिए वह खुद आगे आती हैं और न्याय न मिलने तक उनकी मदद करती हैं। यही कारण है कि आज क्षेत्र की महिलाएं स्नेह से उन्हें मीरा दीदी के नाम से पुकारती हैं।
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ को लेकर उठा रहीं हैं आवाज
चाका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम (स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला) के पद पर तैनात मीरा देवी वर्ष 2006 से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हैं। नौकरी का शुरुआती दौर ही कठिन संघर्षों के साथ चला। विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का शोषण हो रहा था, जिसका वह विरोध करती रहीं। एक बार स्थिति यह हुई कि सीएचसी में तैनात सभी महिला कर्मचारियों का वेतन ही रोक दिया गया, वह भी अकारण। यहीं से मीरा देवी ने यह ठान लिया कि वह महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आगे आएंगी। अन्य महिला साथियों का सहयोग मिला तो उनकी यह आवाज जिला मुख्यालय तक पहुंची और अंत में सभी को वेतन भी मिला।
महिला साथियों से काम बेहतर ढंग से करने के लिए प्रेरित करती हैं
अपने काम को भी इस तरह बखूबी से करतीं हैं ताकि कोई आंच न आने पाए और अन्य महिला साथियों को भी अपना काम बेहतर ढंग से करने के लिए प्रेरित करती हैं। इनके इस कार्य को देखते हुए इन्हें मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी दी गई है।
बोलीं एएनएम मीरा देवी
एएनएम मीरा देवी कहती हैं कि हर क्षेत्र में महिलाओं को कमजोर समझा जाता है। यही हाल मेरे साथ भी हुआ लेकिन मैं कभी खुद को कमजोर नहीं समझती महिलाओं के साथ हमेशा खड़ी हूं। अपने कार्यों को समय से पूरा करती हूं, यदि कोई अकारण शोषण करता है तो उसका जवाब भी देती हूं।