Prayagraj में कोरोना रैपिड रेस्पांस टीम में एएनएम संभाल रहीं हैं सेक्टर इंचार्ज की कमान, उन पर है अहम जिम्मेदारी
रैपिड रेस्पांस टीम (आर.आर.टी.) पर पॉजिटिव लोगों की पहचान करना और उपचाराधीन का ध्यान रखने की जिम्मेंदारी हैI सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय के निर्देश पर रैपिड रेस्पांस टीम के अन्तर्गत कोविड-19 मरीजों की पहचान करने और उपचाराधीन की देखभाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैंI
प्रयागराज, जेएनएन। कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ रहा हैI ऐसे में रैपिड रेस्पांस टीम (आर.आर.टी.) पर पॉजिटिव लोगों की पहचान करना और उपचाराधीन का ध्यान रखने की जिम्मेंदारी दी गई हैI मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभाकर राय के निर्देश पर रैपिड रेस्पांस टीम के अन्तर्गत कोविड-19 मरीजों की पहचान करने और उपचाराधीन की देखभाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैंI इसके अन्तर्गत लक्षित क्षेत्रों को तीन भाग में बांटा गया है ताकि पूरे क्षेत्र में सेवाएं सुनिश्चित की जा सकेंI
रैपिड रिस्पांस टीम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.एन. सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र को सुपर जोन, जोन और सेक्टर में बाँटा गया हैI सुपर जोन सी.एच.सी. के अन्तर्गत, जोन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत एवं पूरे ब्लॉक को ए.एन.एम. की संख्यानुसार सेक्टर्स में बाँटा गया हैI प्रत्येक सेक्टर का इंचार्ज वहाँ की सम्बंधित ए.एन.एम. को बनाया गया हैI
अपने क्षेत्र में कर रही हैं कोविड-19 पॉजीटिव मरीजों का चिन्हीकरण
डॉ. बी. एन. सिंह ने बताया कि सभी ए.एन.एम. निर्देशानुसार अपने - अपने क्षेत्र में कोविड-19 पॉजीटिव मरीजों का चिन्हीकरण कर रही हैंI इसके साथ ही वह कोविड-19 धनात्मक मरीजों के घर का हर दिन भ्रमण करके उनके स्वास्थ्य के बारे में हाल-चाल जान रही हैं और उन्हें होम आइसोलेशन के बारे में पूरी जानकारी दे रही हैंI आवश्यकतानुसार दवाएं भी उपलब्ध करवा रही हैंI ए.एन.एम मरीज़ को अपना, सी.एच.सी. अधीक्षक और कंट्रोल रूम का नंबर देती हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर मरीज़ या उसके घरवाले संपर्क कर सकेंI यदि कहीं भी कोई समस्या होती है तो वह तुरंत अपने नामित अधिकारियों को सूचित करती हैंI इस पूरे कार्य के लिए सभी ए.एन.एम को पहले ही ब्लॉक स्तर पर ट्रेनिंग दी गई है और सी.एच.सी. से आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैंI यह पूरी प्रक्रिया कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए की जा रही हैI
गांव में अहम भूमिका निभा रही जांच में
उन्होंने बताया कि जो प्रवासी वापस आ रहे हैं उनकी जाँच रेलवे स्टेशन पर ही हो जाती है, फिर भी जो लोग अन्य साधन से गाँव पहुँच जा रहे हैं उनकी जानकारी मिलते ही ए.एन.एम उन व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें जाँच के लिए प्रोत्साहित कर रही हैंI डॉ. सिंह ने बताया कि वर्तमान में लगभग 120 के आसपास मरीज़ होम आइसोलेशन में हैंI अबतक लगभग 38000 हजार लोगों का आइसोलेशन पूरा हो चुका हैI