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निष्कासन मसले पर बोले आनंद गिरि, भाजपा सरकार पर है भरोसा कि कराई जाएगी निष्पक्ष जांच

आनंद गिरि ने सोमवार की शाम वीडियो संदेश जारी कर कहा कि वो सत्य के मार्ग पर निकल चुके हैं उसी पर चलते रहेंगे। महंत नरेंद्र गिरि उनके गुरु थे हैं और हमेशा रहेंगे। वह किसी के दबाव में हैं इसलिए मठ की संपदा नष्ट कर रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 08:00 AM (IST)
निष्कासन मसले पर बोले आनंद गिरि, भाजपा सरकार पर है भरोसा कि कराई जाएगी निष्पक्ष जांच
उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा के लिए बहुत काम किया है। इसलिए पूरा भरोसा है कि निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।

प्रयागराज, जेएनएन।  योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने सोमवार की शाम वीडियो संदेश जारी कर कहा कि वो सत्य के मार्ग पर निकल चुके हैं, उसी पर चलते रहेंगे। महंत नरेंद्र गिरि उनके गुरु थे, हैं और हमेशा रहेंगे। वह किसी के दबाव में हैं, इसलिए मठ की संपदा नष्ट कर रहे हैं। इन्हीं बातों पर मतभेद था जो इस पटल पर आ गया है। कहा कि उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर कुछ घंटों में सजा दे दी गई। उनका सर्वस्व नष्ट हो चुका है। संत समाज उन्हें अपने पास बैठाने को तैयार नहीं है। निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत आशीष गिरि व दिगंबर गंगापुरी जैसे युवा साधु की मौत की जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा के लिए बहुत काम किया है। इसलिए योगी सरकार पर पूरा भरोसा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।

सच्चाई मेरी ताकत, नहीं दूंगा मनगढ़ंत आरोपों पर सफाई : नरेंद्र गिरि
शिष्य स्वामी आनंद गिरि द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित ईमेल में लगाए गए आरोप पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया है। कहा कि मुझे पूरा देश जानता है। संत समाज, सनातन धर्मावलंबी मेरे आचरण, व्यक्तित्व व संस्कार से वाकिफ हैं। मैं धर्म व सच्चाई के साथ था, हूं और अंतिम सांस तक रहूंगा। यही मेरी ताकत है। अब मैैं किसी भी मनगढंत आरोप पर कोई सफाई नहीं दूंगा। फर्जी आरोपों पर सफाई देना  पद व गरिमा के विपरीत है। सफाई गलत कार्य करने वाले देते हैं। जो सच्चा होता है, ईश्वर खुद उसकी सफाई देते हैं।

आनंद गिरि ने किया गुरु से विश्वासघात : आचार्य बलेंद्र  
प्रयागराज : अखिल भारतीय परिवर्तन मानव विकास संस्थान की बैठक सोमवार को आचार्य बलेंद्र की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने स्वामी आनंद गिरि के आचरण को शिष्य की गरिमा के विपरीत बताया। कहा कि नरेंद्र गिरि के सान्निध्य में रहकर आनंद गिरि की परवरिश हुई है। जिस गुरु ने चलना सिखाया उसके साथ वह विश्वासघात कर रहे हैं। आनंद गिरि गुरु पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने विद्यार्थियों के लिए करोड़ों की संपत्ति खरीदी है। जबकि सबसे चहेते शिष्य खुद थे। वे बताएं कि उनके नाम पर कितने करोड़ की संपत्ति खरीदी गई है? कहा कि वह धर्म विरोधी ताकतों के हाथ में खेल रहे हैं। आचार्य बलेंद्र ने कहा कि आनंद गिरि ने गुरु-शिष्य परंपरा व भगवा वस्त्र का अपमान किया है। डॉ. विष्णुदेव ने कहा कि नरेंद्र गिरि ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहते हुए सनातन धर्म का वैभव बढ़ाया है। अब उन्हें नीचा दिखाने के लिए सनातन धर्म विरोधी ताकतों ने कुचक्र रचा है, जिसके मोहरा आनंद गिरि बन गए हैं।

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