Anand Giri को गुरु नरेंद्र गिरि का आशीर्वाद तो मिला पर भरोसा जीतने में अभी लगेगा वक्त
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी व बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर में महंत नरेंद्र गिरि के बाद आनंद गिरि का आदेश सर्वोपरि होता था। छोटे महाराज के रूप में विख्यात आनंद गिरि का अधिकतर समय बड़े हनुमान मंदिर में बीतता था।
प्रयागराज, जेएनएन। गुरु-शिष्य यानी योग गुरु आनंद गिरि और उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि मेें दूरी जिस अंदाज में हुई थी, ठीक उसी तरह उनका अचानक मिलन होने पर हर कोई अवाक है। वैसे दोनों के मिलन को लेकर कयासबाजी चल रही थी। फिलहाल इतनी जल्द मिल जाएंगे, उस पर हर कोई हैरत में है। आरोपों को वापस लेकर गुरु का पैर व खुद का कान पकड़कर माफी मांगने पर आनंद गिरि को नरेंद्र गिरि का आशीर्वाद तो मिल गया है। हालांकि मन मिलने में समय लगेगा, क्योंकि पहले की तरह उन्हें गुरु का विश्वास जीतना होता।
मंदिर व मठ में पहले की तरह आनंद गिरि का दखल नहीं रहेगा
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी व बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर में महंत नरेंद्र गिरि के बाद आनंद गिरि का आदेश सर्वोपरि होता था। छोटे महाराज के रूप में विख्यात आनंद गिरि का अधिकतर समय बड़े हनुमान मंदिर में बीतता था। हालांकि इधर गुरु से तल्खी होने पर उन्हें मठ व मंदिर से निष्कासित कर दिया गया। बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था अमर गिरि को सौंप दी गई है। अब आनंद गिरि ने गुरु से माफी मांग लिया है। गुरु ने उन्हें माफ भी कर दिया है। हालांकि मंदिर व मठ में पहले की तरह उनका दखल नहीं रहेगा। वहां की जिम्मेदारी पाने के लिए उन्हें गुरु का विश्वास जीतना होगा।
...तब वापस लेंगे शिकायती पत्र
आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि के खिलाफ जांच के लिए प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, सीबीआइ प्रमुख, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री सहित कई अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है। उस पत्र को वापस लेने पर आनंद गिरि ने कोई निर्णय नहीं लिया है। माना जा रहा है कि हरिद्वार में निर्माणाधीन का उनका तीन मंजिला आश्रम जो कुछ दिन पहले सीज किया गया था, उसके खुलने पर आनंद गिरि शिकायती पत्र वापस ले लेंगे।