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आनंद गिरि निरंजनी अखाड़ा और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से निष्‍कासित, संत परंपरा के उल्लंघन का आरोप

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने बताया कि आनंद गिरि का परिवार से मेलजोल ज्यादा बढ़ गया था। जो संत समाज नियमों के अनुकूल नहीं था। धार्मिक आयोजनों में परिवार का हस्तक्षेप बढ़ गया था। दो दिन पहले निरंजनी अखाड़े को पत्र भेजा था।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 12:17 AM (IST)
आनंद गिरि निरंजनी अखाड़ा और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से निष्‍कासित, संत परंपरा के उल्लंघन का आरोप
पंच परमेश्वर ने जांच के बाद आनंद गिरी को निरंजनी अखांडे से निष्कासन का निर्णय लिया है।

प्रयागराज,जेएनएन। योग गुरु आनंद गिरि बड़ी मुसीबत से घिर गए हैं। उन्हें निरंजनी अखाड़ा ने निष्कासित कर दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी उन्हें बाहर कर दिया है। हालांकि निरंजनी अखाड़े और परिषद में उनका कोई अहम पद नहीं था। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि का आरोप है कि आनंद गिरि संत परंपरा का लंबे समय से उल्लंघन कर रहे थे। अपने परिवार से मेलजोल बढ़ा लिया था और बगावत करने लगे थे। आनंद गिरि पर लगे आरोपों की जांच के लिए हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से भेजे गए पत्र पर जांच हुई, पंच परमेश्वर ने आरोप को सही पाते हुए बड़ा निर्णय लिया।

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देश और दुनिया में योग गुरू के रूप में है विख्‍यात

ज्ञात हो कि आनंद गिरि प्रयागराज धर्मक्षेत्र से लेकर देश और दुनिया के भी कई अन्य देशों में योग गुरु के रूप में विख्यात हैं। वे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं, करीब दो दशक पहले स्वामी नरेंद्र गिरि के संपर्क में आए थे। तब से उन्होंने बाघंबरी मठ में ही स्वामी नरेंद्र गिरि के सानिध्य में रहकर योग प्रशिक्षण व अन्य धार्मिक आयोजनों में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाई। उनके निष्कासन के संबंध में स्वामी नरेंद्र गिरि ने दैनिक जागरण को बताया कि आनंद गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले हैं। वहां से उनके परिवार के लोग, खासतौर से भाई-भाभी इनके पास आने लगे थे। नासिक, उज्जैन और प्रयागराज में भी हुए कुंभ आयोजन में परिवार के लोग आए थे। उन्हें आनंद गिरि ने पूरी सुविधा देते हुए घर की तरह ठहराया था। मना किए जाने पर नहीं माने। इसके बाद उन्होंने हरिद्वार कुंभ में भी परिवार को बुलाया।

स्‍वामी नरेंद्र गिरी बोले- शुरू कर दी थी बगावत

स्वामी नरेंद्र गिरि ने यह भी बताया कि आनंद गिरि ने बगावत शुरू कर दी थी, मठ और अखाड़ा परिषद को बताए बिना हरिद्वार में बड़ी जमीन खरीद ली। इन सब आरोपों की जांच के लिए दो दिनों पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के बतौर अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने पत्र निरंजनी अखाड़ा को भेजा। अखाड़े ने परंपरा के अनुसार मामला पंच परमेश्वर के सुपुर्द करके जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए जाने पर पंच परमेश्वर ने उन्हें निष्कासित कर दिया। इसके बाद आनंद गिरि को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, बाघंबरी मठ और बंधवा के हनुमान मंदिर की सभी व्यवस्थाओं से भी निष्कासित कर दिया गया है। हालांकि इस मामले में आनंद गिरि से दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं की।


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