वैज्ञानिक बनने का ख्वाब लेकर इसरो जाएगा अम्मार Prayagraj News
अम्मार बचपन से ही पढऩे में काफी तेज है। वह स्कूल में अब तक का टॉपर है। बड़ी बहन बुशरा फातमा और छोटा भाई सुल्तान नबी सिद्दीकी भी काफी तेज तर्रार हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। नैनी के हथिगन स्थित क्रिस्टी मेमोरियल स्कूल एंड कॉलेज में नौंवी कक्षा के छात्र अम्मार नबी सिद्दीकी ने बचपन से वैज्ञानिक बनने का तानाबाना बुन रखा है। मेहनत के बूते इस होनहार का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम (युविका-2020) में चयन हुआ है। इसरो की ओर से देशभर के 368 बच्चों की पहली सूची में चयन होने पर स्कूल और परिवार में खुशी की लहर है।
इसरो के युविका-2020 में अम्मार का है 337 वां स्थान
करछना के कत्थुआ गांव के नबी अहमद सिद्दीकी चैथम लाइन स्थित एनसीसी कार्यालय में सीनियर असिस्टेंट हैं। उनकी एक बेटी और दो बेटे हैं। इनमें दूसरे नंबर का बेटा अम्मार नबी सिद्दीकी है।
पढऩे में बचपन से ही काफी तेज हैं अम्मार
उनके शिक्षक बताते हैं, अम्मार बचपन से ही पढऩे में काफी तेज है। वह स्कूल में अब तक का टॉपर है। बड़ी बहन बुशरा फातमा और छोटा भाई सुल्तान नबी सिद्दीकी भी काफी तेज तर्रार हैं। मां तौशीफ जहां गृहिणी हैं। इसरो के युविका-2020 कार्यक्रम में अम्मार को 337वां स्थान मिला है। इसमें से अब 113 बच्चों का शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद अंतिम रूप से चयन होना है। जिन बच्चों का चयन होगा, वह 11 से 22 मई तक इसरो में रहकर वहां के शीर्ष वैज्ञानिकों से मिलेंगे। इसके अलावा व्याख्यान में हिस्सा लेंगे, लैब देखेंगे और स्वयं भी कुछ करके दिखाएंगे।
काका कलाम से काफी प्रभावित
अम्मार ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से वह काफी प्रभावित हैं। वह आगे चलकर इसरो में ही वैज्ञानिक बनना चाहता है। इसके लिए वह प्रतिदिन इंटरनेट पर इसरो के बारे में पढ़ता भी है। अम्मार ने बताया कि स्कूल में अब तक उसे दर्जनों प्रतियोगिता में सफलता मिल चुकी है। इसके अलावा घरवालों का भी पूरा सहयोग रहता है।