Kumbh mela 2019 : अमित शाह करेंगे 151 फीट ऊंचे और 31 टन वजन के त्रिशूल का पूजन
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 13 फरवरी को प्रयागराज आएंगे। वह संतों और महात्माओं के साथ रहेंगे। शाह जूना अखाड़ा के मौज गिरि मंदिर में विशाल त्रिशूल का पूजन करेंगे।
कुंभनगर : कुंभ के सकुशल आयोजन के बाद प्रयाग आ रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भक्तिभाव से ओतप्रोत रहेंगे। शाह का पूरा समय संत-महात्माओं के सानिध्य में बीतेगा। प्रमुख महात्माओं से एकांत में वार्ता करने के साथ वह जूना अखाड़ा के मौज गिरि मंदिर जाएंगे। वहां 151 फीट ऊंचे त्रिशूल का पूजन करके यमुना तट पर स्थापित कराएंगे। पूजन में 13 अखाड़ों के प्रमुख महात्मा शामिल होंगे।
यह है त्रिशूल की विशेषता
देश के इस सबसे ऊंचे त्रिशूल का वजन 31 टन है। स्टैंडर्ड स्टील से बने विशाल त्रिशूल को खड़ा करने के लिए 80 फीट नीचे तक पायङ्क्षलग की गई है। यह साढ़े तीन किलोमीटर प्रतिघंटा हवा को बर्दाश्त कर सकेगा। साथ ही भूकंप का भी त्रिशूल पर कोई असर नहीं होगा। जूना अखाड़ा कुंभ क्षेत्र नासिक व उज्जैन के त्रयंबकेश्वर में भी ऐसा त्रिशूल लगवा चुका है। त्रयंबकेश्वर में अमित शाह ने ही त्रिशूल का पूजन किया था।
सनातन धर्म का आधार है त्रिशूल : महंत हरि गिरि
जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि बताते हैं कि त्रिशूल सनातन धर्म का आधार है। भगवान शिव का शस्त्र होने के साथ यह त्याग, समर्पण, भक्ति और वैराग्य का संदेश देता है। शिव पुराण में उसकी महिमा बखानी गई है। वह बताते हैं कि जूना अखाड़ा कुंभनगरी में त्रिशूल लगाकर सनातन धर्म के वैभव को बढ़ाना चाहता है, जिसके लिए यह प्रयास किया गया है। बताया कि अमित शाह राजनेता के नाते नहीं, सनातन धर्म साधक के रूप में त्रिशूल का पूजन करेंगे।
पिछले साल 27 जुलाई को भी आए थे शाह
अमित शाह 27 जुलाई 2018 को प्रयाग आने पर सबसे पहले मौज गिरि मंदिर गए थे। तब उन्होंने भृगु ऋषि द्वारा स्थापित शिवङ्क्षलग का अभिषेक किया था। फिर मंदिर के पास यमुना तट पर पक्का घाट व योगालय भवन बनाने के लिए भूमि पूजन किया था।