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माघ मेला-2020 : मेले की तैयारी जोरों पर फिर भी इंजीनियर घूम रहे ताजमहल Prayagraj News

माघ मेला के कार्यों में लापरवाही का नमूना भी नजर आता है। पांटून पुल और सड़क के निर्माण में भले ही देरी हो रही है लेकिन इंजीनियरों को ताजमहल घूमने से फुर्सत नहीं है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 08:01 PM (IST)
माघ मेला-2020 : मेले की तैयारी जोरों पर फिर भी इंजीनियर घूम रहे ताजमहल Prayagraj News
माघ मेला-2020 : मेले की तैयारी जोरों पर फिर भी इंजीनियर घूम रहे ताजमहल Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला-2020 की तैयारी इन दिनों जोरों पर चल रही है। मेले में पांटून पुल और चकर्ड प्लेट की सड़क बनाने का काम जल्द पूरा करना है, लेकिन काम कराने वाले सहायक अभियंता ताजमहल देखने गए हैं। जो यहां हैं भी वह कम ही नजर आते हैं, जिससे कार्य में विलंब हो रहा है। अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर अधिशासी अभियंता निर्माण खंड चार ने सभी जेई को नोटिस जारी कर कहा कि कार्य की शिथिलता पर कार्रवाई होगी।

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पुलों के निर्माण में लगे सहायक इंजीनियर भी नदारद

मेला में पांटून के पांच पुल बनाए जा रहे हैं। इसमें दो पुलों का निर्माण को चुका है। यह छोटे पुल थे। तीन बड़े पुल है, उनका निर्माण चल रहा है। इसमें से महावीर पुल का निर्माण 11 दिसंबर को ही पूरा करना था। त्रिवेणी पुल को 15 और काली पुल को 20 दिसंबर को पूरा करना है। त्रिवेणी पुल के निर्माण में तीन जेई की ड्यूटी लगाई गई जिनमें गुरुवार को मौके पर जेई श्वेता सिंह ही मिलीं। पुलों के निर्माण में लगे सहायक इंजीनियर सत्येंद्र नाथ, यूपी सिंह और एके सिंह गुरुवार को प्रयागराज में नहीं थे। पता चला है कि वह तीनों और भी इंजीनियरों के साथ आगरा गए हैं।

अधीक्षण अभियंता के निरीक्षण में कई गैरहाजिर

10 दिसंबर को माघ मेले की तैयारी का जायजा लेने आए अधीक्षण अभियंता को भी अधिकतर जेई मौके पर नहीं मिले थे। जो उपस्थित थे वो सहायक अभियंता कार्यों की सही स्थिति नहीं बता सके। सहायक अभियंताओं ने बताया कि बार-बार निर्देश के बावजूद जेई कम दिखते हैं। 15 दिसंबर तक काम कैसे पूरा होगा?

बोले अधिशासी अभियंता

अधिशासी अभियंता सुनील कठेरिया का कहना है कि कार्य की अधिकता देखते हुए छुट्टी नहीं दी लेकिन शादी समारोह में भाग लेने के लिए बताकर गए हैं। लगातार को काम दबाव देखते हुए थोड़ी राहत दी।


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