गंगा-यमुना खतरे के निशान से नीचे तो हैं पर खतरा टला नहीं Prayagraj News
खतरे के निशान से नीचे बह रही गंगा और यमुना नदियों का पानी अभी भी लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। घर बाढ़ के पानी में डूबे हैं तो काफी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण ले रखा है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना का पानी अब खतरे के निशान से एक मीटर से ज्यादा नीचे बह रहा है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। बुधवार की रात से पानी कुछ घंटों के लिए स्थिर हो गया था। बाद में एक से दो सेंटीमीटर की गति से कम हो रहा है। ऐसे में लोगों की समस्याएं अभी बरकरार है। अभी हजारों घरों में पानी भरा हुआ है और वह लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
दो सप्ताह से लोग बाढ़ से हैं परेशान
शहर को तीन तरफ से घेरे हुए गंगा और यमुना दो हफ्ते से ज्यादा समय से उफान पर है। 17 सितंबर को पानी इतना बढ़ा कि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। इससे हजारों घरों में पानी भर गया। तमाम लोग बेघर हो गए। इन लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है। प्रशासन की ओर से उनके लिए खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। फिलहाल पानी खतरे के निशान (84.73) से नीचे बह रहा है।
घरों से पानी निकलने की गति कम
लोगों के घरों से धीरे-धीरे पानी निकलने लगा। उम्मीद थी कि तेजी से पानी निकलेगा और लोगों को राहत मिल जाएगी। लेकिन अब पानी बहुत ही धीमी गति से निकल रहा है। गुरुवार को दिनभर पानी एक से दो सेंटीमीटर की गति से गंगा और यमुना से कम होता रहा।
बोले सिंचाई विभाग के अधिकारी
सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता ब्रजेश कुमार ने बताया कि प्रयागराज और आसपास हो रही बारिश के कारण ऐसा हुआ है। जितना पानी कम हो रहा है उतना बारिश का पानी आ जा रहा है। वैसे अब किसी बांध से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है इसलिए बढ़ने की उम्मीद नहीं है। अगले कुछ दिनों में पानी तेजी से कम होगा तो लोगों को राहत मिल जाएगी।