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Allahabad University: कार्य परिषद ने तय किया कि कौन है विश्वविद्यालय का वरिष्ठ शिक्षक, जल्द सार्वजनिक होगी लिस्ट

Allahabad University इविवि में स्थायी कुलपति रहे प्रो. रतन लाल हांगलू ले इस्तीफे के बाद कार्यवाहक कुलपति की कुर्सी के लिए खूब हंगामा हुआ था। रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल भी यह तय करने में खूब पसीने बहाए थे। इसके बाद भी वह आरोप में घिरने से नहीं बच सके थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 11:15 AM (IST)
Allahabad University: कार्य परिषद ने तय किया कि कौन है विश्वविद्यालय का वरिष्ठ शिक्षक, जल्द सार्वजनिक होगी लिस्ट
इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक में शिक्षकों के वरिष्‍ठता का भी विवाद उठा।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) कार्य परिषद की बैठक में सबसे बड़े विवाद को भी निपटाने की कोशिश की गई। यह विवाद शिक्षकों का है। इसकी शिकायत मंत्रालय तक कि गई थी। अब जल्द ही वरिष्ठ शिक्षकों की सूची सार्वजनिक किए जाने के आसार हैं।

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खूब मचा था वरिष्ठता पर हंगामा

इविवि में स्थायी कुलपति रहे प्रो. रतन लाल हांगलू ले इस्तीफे के बाद कार्यवाहक कुलपति की कुर्सी के लिए खूब हंगामा हुआ था। रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल भी यह तय करने में खूब पसीने बहाए थे। इसके बाद भी वह आरोप में घिरने से नहीं बच सके थे। यही नहीं नियमित कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी वरिष्ठता का मामला आड़े आ रहा था। यही वजह है कि मंत्रालय ने तीन बार मामले में जवाब मांगा था।

प्रो. साहू को करना पड़ा था इंतजार

पूर्व कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद प्रो. केएस मिश्र को कार्यवाहक कुलपति का जिम्मा सौंपा गया था। इनके रिटायर्ड होने के बाद प्रो. पीके साहू को एक दिन का कुलपति बनना था। इसमें भी वरिष्ठता का मामला फंसा था। देर रात इंतजार के बाद उन्हें जिम्मा सौंपा गया। फिर प्रो. एसए अंसारी और प्रो. आरआर तिवारी के बीच वरिष्टता को लेकर पेच फंसा। आखिरकार प्रो. तिवारी को जिम्मा सौंपा दिया गया।

प्रो. नमिता ने कर दी थी शिकायत

प्रो. तिवारी को कमान मिलने के बाद प्रो. नामित पांडेय ने खुद को वरिष्ठ बताते हुए पद पर दावेदारी ठोक दी। इसके अलावा उन्होंने रजिस्ट्रार पर भी तमाम आरोप लगाते हुए शिकायत मंत्रालय को भेजी थी। मामले में मंत्रालय ने जवाब भी तलब किया।


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