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Allahabad University: विश्वविद्यालय की कुलपति का वादा अधूरा ही रहा, 101 दिन बाद भी भर्तियों पर असमंजस

Allahabad University इविवि में शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं। कुछ विभागों में जरूर भर्तियां हुईं लेकिन कम ही। खाली पदों को भरने के लिए इविवि प्रशासन की तरफ से तीन बार विज्ञापन जारी किया लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 11:18 AM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 11:18 AM (IST)
Allahabad University: विश्वविद्यालय की कुलपति का वादा अधूरा ही रहा, 101 दिन बाद भी भर्तियों पर असमंजस
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में भर्तियों को लेकर कुलपति अभी भी असमंजस की स्थिति बनी है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने मंगलवार को 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर लिया। 101 दिन पहले पदभार संभालते ही उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान वादा किया था कि 100 दिन में शिक्षकों-कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि, उनका यह वादा केवल कागजों में ही सिमटकर रह गया। अब तक भर्ती प्रक्रिया पर असमंजस के बादल ही छाएं हैं। इस मसले पर पिछले दिनों हुई कार्य परिषद की बैठक में भी चर्चा नहीं हो सकी। अब तक विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा सका।

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1996 से भर्ती पर लगा है ग्रहण

इविवि में शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं। कुछ विभागों में जरूर भर्तियां हुईं, लेकिन यह नाकाफी रहीं। खाली पदों को भरने के लिए इविवि प्रशासन की तरफ से तीन बार विज्ञापन जारी किया लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अंतिम बार 23 अप्रैल 2019 को कुल 558 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। असिस्टेंट प्रोफेसर के 336, एसोसिएट प्रोफेसर के 156 और प्रोफेसर के 66 पदों के लिए 22 मई तक आवेदन लिए गए। इंटरव्यू कराने की तैयारी थी कि अनियमितता की शिकायत मिलने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने भर्ती रोक दी। करीब नौ माह बाद मंत्रलय ने 27 दिसंबर को रोक हटा दी। इसी बीच पहली जनवरी 2020 को कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने पद से इस्तीफा दे दिया।

अतिथि प्रवक्ता भर्ती भी अधूरी

शैक्षणिक सत्र 2020-21 भी अंतिम पड़ाव की तरफ है। विभिन्न विभागों में बचे तकरीबन 327 शिक्षकों में कई सेवानिवृत्ति के करीब हैं। करीब 11 विभागों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। कई विभाग ऐसे हैं जहां नाम मात्र के ही शिक्षक बचे हैं। विज्ञान संकाय का कुछ ऐसा ही हाल है। रसायन शास्त्र में 42 रिक्त पदों के सापेक्ष आठ शिक्षक बचे हैं। वह भी रिटायरमेंट के करीब हैं। अर्थशास्त्र में 32 पदों के सापेक्ष 20 पद रिक्त हैं। वनस्पति विभाग में 31 के सापेक्ष 21, गणित में 31 के सापेक्ष 20, मध्यकालीन इतिहास विभाग में 31 में 23, अंग्रेजी में 45 में 31, जीव विज्ञान में 30 में 26, प्राचीन इतिहास में 38 में 30 पद खाली पड़े हैं। हालात यह हैं कि अब तक अतिथि प्रवक्ता भर्ती भी अधूरी है।


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