Allahabad University के कुलपति व चीफ प्रॉक्टर बने छात्रों के कोपभाजन का शिकार, साढ़े तीन घंटे बंधक बने रहे
Allahabad University छात्रों का आक्रोश देख साढ़े तीन घंटे कुलपति और चीफ प्रॉक्टर बंधक बने रहे। बाद में मांगें मानने का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हो सका।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन के आगे इविवि प्रशासन बौना साबित हुआ। छात्रों के कोपभाजन का शिकार विश्वविद्यालय के कुलपति और चीफ प्रॉक्टर को छात्रों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। छात्रों ने दोनों को करीब साढ़े तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। ऐसा इसलिए क्योंकि नौ छात्रों के निलंबन की कार्रवाई से आक्रोशित छात्रों ने पहले कुलपति कार्यालय का घेराव किया फिर बाहर से ताला बंद कर दिया था। जब चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आरके उपाध्याय ने निलंबित छात्रों की बहाली तथा अन्य मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया तब जाकर छात्रों का गुस्सा शांत हुआ और वह बाहर निकल सके।
हॉस्टल में प्रवेश दिए जाने की मांग पर अड़े छात्र
हॉस्टल में प्रवेश दिए जाने की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से छात्र डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर अनशन कर रहे थे। सोमवार को चीफ प्रॉक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में होंगी। इसलिए हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा तो छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा था। उन्होंने कुलपति, डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में बाहर से ताला जड़ दिया था।
नौ छात्रों के निलंबन से आक्रोशित थे छात्र
देर शाम चीफ प्रॉक्टर ने नौ छात्रों को निलंबित कर दिया। इसी कार्रवाई से मंगलवार को छात्र उग्र हो उठे। कुलपति कार्यालय में बाहर से ताला जड़ दिया। सूचना मिलने पर सीओ कर्नलगंज, एडीएम सिटी, एसीएम तृतीय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस कर्मियों और विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों से धक्का-मुक्की हुई।
मांगें पूरी करने का दिया आश्वासन, जूस पिलाकर खत्म कराया अनशन
मामला बिगड़ता देख अफसरों ने चीफ प्रॉक्टर से बात की। फिर अफसरों के साथ चीफ प्रॉक्टर अनशन स्थल पर पहुंचे। मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया साथ ही सत्यम कुशवाहा और शरद शंकर को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया और दोनों को एंबुलेंस से काल्विन हॉस्पिटल भेज दिया गया।