Allahabad University: शहर में खुद का मकान नहीं तभी मिलेगी शिक्षकों-कर्मचारियों को आवासीय सुविधा
अब तक शहर में मकान होने के बावजूद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को आवास आवंटित कर दिया जाता था। हालांकि अब शहर में किराए पर रहने वाले बाहरी शिक्षकों को ही आवासीय सुविधा का लाभ मिलेगा। यह आदेश शिक्षकों के लिए बेहतर भी है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन अब उन्हीं शिक्षकों को आवासीय सुविधा देगा, जिनके खुद के मकान शहर में नहीं हैैं। इस अहम फैसले से ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों को सहूलियत मिल जाएगी, जो किराए के कमरे में रह रहे हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय के जर्जर आवासों को जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा। इन मकानोंम को खाली कराया जाएगा। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के निर्देश पर रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल की तरफ से इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
बाहरी शिक्षकों को ही मिलेगा अब आवास
दैनिक जागरण को जनसूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय में शिक्षकों के कुल 221 आवास हैं। आवासों का आवंटन भारत सरकार के नियमानुसार और विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर कुलपति द्वारा गठित आवास आवंटन समितिकी संस्तुति से किया जाता है। अब तक शहर में मकान होने के बावजूद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को आवास आवंटित कर दिया जाता था। हालांकि, अब शहर में किराए पर रहने वाले बाहरी शिक्षकों को ही आवासीय सुविधा का लाभ मिलेगा। यह आदेश शिक्षकों के लिए बेहतर भी है।
जो मकान जर्जर हैं, उनका होगा नवीनीकरण
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक कुलसचिव एवं वित्त अधिकारी आवास को छोड़कर जो आवास जर्जर स्थिति में हैं, उनका नवीनीकरण भी कराया जाना है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अपना आवास अथवा फ्लैट प्रयागराज में पति अथवा पत्नी के नाम है, उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय का आवास आवंटित नहीं किया जाएगा। ऐसे में इसका लाभ किराए पर रहने वाले बाहरी शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलेगा। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में विश्वविद्यालय में चार सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों के परिवार के लोग निवास कर रहे हैं। शिक्षकों के सिर्फ दो आवास खााली हैं। उनके आवंटन की प्रक्रिया विचाराधीन है।