Allahabad University ने पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजा जवाब, ओबीसी छात्रों से आवेदन शुल्क लेने का मामला
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरा छात्र ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से यहां ओबीसी वर्ग के छात्रों को आवेदन में छूट देने की मांग की थी। आयोग के तलब पर इविवि प्रशासन ने जवाब भेजा है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) समेत इसके संघटक महाविद्यालयों में ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं से आवेदन शुल्क वसूलने का मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को शिकायत मिली तो इविवि प्रशासन को तलब किया। अब इविवि प्रशासन ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को जवाब भेजा है। इसमें कहा गया है कि किसी भी हालत में आवेदन शुल्क कम नहीं हो सकता है। अन्य विश्वविद्यालय के मुकाबले यहां शुल्क कम है। इसे लेकर बैठक भी की जा चुकी है।
इविवि के पुरा छात्र ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से की थी शिकायत
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पुरा छात्र राघवेंद्र यादव ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को 23 जून को पत्र लिखा था। पत्र के माध्यम से राघवेंद्र ने कहा था कि केंद्र सरकार ने प्रावधान बनाया कि ओबीसी वर्ग के छात्रों को आवेदन में छूट दी जाए। शैक्षिक सत्र 2019-20 में प्रवेश प्रकोष्ठ के तत्कालीन निदेशक प्रो. मनमोहन कृष्ण से मांग की थी। उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। मौजूदा सत्र में पांच जून को प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. प्रशांत अग्रवाल, कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी एवं रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल को पत्र लिखकर फिर मांग उठाई।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पत्र भेजकर इविवि से मांगा था जवाब
आरोप है कि 16 जून को रिमाइंडर भेजने का भी नतीजा नहीं निकला। 23 जून को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्र लिखा। आयोग ने कुलपति को पत्र जारी कर जानकारी मांगी है कि इस प्रकरण में इविवि ने क्या किया? इसकी जानकारी 15 दिन में आयोग और शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराएं। विवि प्रशासन ने गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया। इस पर आयोग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एडमिन) मधुमाला चट्टोपाध्याय ने 27 जुलाई को इविवि को पत्र जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा था।
बोले, इविवि के जनसंपर्क अधिकारी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शैलेंद्र मिश्र कहते हैं कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से जो भी नोटिस आई है, उसका सम्मान करते हैं। पिछली बार जवाब भेजा था। फिर से इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन नोटिस का जवाब भेजेगा।