तब अच्छे नंबर कहां से मिलेंगे, कैसे लेंगे उच्च शिक्षा, Allahabad University प्रशासन नहीं दे सका छात्रों के सवाल का जवाब
इस फैसले से वह मेधावी विद्यार्थी निराश हैैं जिन्होंने अच्छे नंबर के साथ स्नातक की डिग्री का ख्वाब संजोया था। कई विद्यार्थी ऐसे हैैं जिन्हें प्रथम वर्ष में सेकेंड डिवीजन मिले हैैं। वह द्वितीय तथा तृतीय वर्ष के नंबरों के साथ फर्स्ट डिवीजन की डिग्री चाहते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कॉलेजों में स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत कर दिया गया। जबकि, तृतीय वर्ष के छात्रों को बगैर परीक्षा उत्तीर्ण करने पर सहमति बन गई। इसके अलावा परास्नातक और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईपीएस) के प्रथम अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर सभी को प्रोन्नत करने पर सहमति बनी। हालांकि, छात्र इविवि प्रशासन के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
अंक सुधार परीक्षा पर कुछ बोलने से कतराते रहे अफसर
दरअसल, इस फैसले से वह मेधावी विद्यार्थी निराश हैैं, जिन्होंने अच्छे नंबर के साथ स्नातक की डिग्री का ख्वाब संजोया था। कई विद्यार्थी ऐसे हैैं जिन्हें प्रथम वर्ष में सेकेंड डिवीजन मिले हैैं। वह द्वितीय तथा तृतीय वर्ष के नंबरों के साथ फर्स्ट डिवीजन की डिग्री चाहते थे। इसके पीछे छात्र तर्क दे रहे हैं कि परास्नातक कक्षाओं में डिवीजन और अंक का महत्व होता है। पिछले साल सेंकेड इयर के छात्रों को प्रोन्नत कर दिया था, परीक्षा नहीं हुई थी। ऐसे में छात्रों के जेहन में केवल एक सवाल है कि वह अपने अंक को कैसे सुधार सकते हैं। कैसे अंक अच्छे मिलें और उच्च शिक्षा में कम अंक बाधा न बने। इविवि के छात्र अभिषेक द्विवेदी ने पत्र भेजकर यह अपील की है कि छात्रों को अंक सुधार परीक्षा का मौका दिया जाए। जिससे वह अच्छे अंक हासिल कर सकें। हालांकि, इस मसले पर इविवि प्रशासन कुछ भी बोलने से कतराता रहा। इविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेन्द्र कुमार सिंह ने पहले फोन ही नहीं उठाया और बाद में नम्बर बन्द कर दिया। वहीं, जनसम्पर्क अधिकारी डॉक्टर जया कपूर भी इस मसले पर कुछ भी बोलने से टालमटोल करती रहीं।