इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अतीक गैंग के सदस्य इमरान की अग्रिम जमानत पर जानकारी की तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद अतीक अहमद गैंग के सदस्य इमरान की अग्रिम जमानत पर उत्तर प्रदेश सरकार से जानकारी तलब की है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद अतीक अहमद गैंग के सदस्य इमरान की अग्रिम जमानत पर उत्तर प्रदेश सरकार से जानकारी तलब की है। इन पर देवरिया जेल में धूमनगंज के व्यापारी को ले जाकर धमकाने व पिटाई करने का आरोप है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या याची के देवरिया जेल जाने के बारे में जेलर ने गलत जानकारी दी है। यदि ऐसा है तो जेलर पर क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने इस दौरान याची इमरान के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।
इमरान की अग्रिम जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा सुनवाई कर रहे हैं। याची का कहना है कि उस पर व्यापारी जैद खालिद का अपहरण कर उनको देवरिया जेल अतीक अहमद के पास ले जाने और जेल में मारने पीटने का गलत आरोप लगाया गया है। वास्तविकता यह है कि घटना के दिन वह इलाहाबाद में ही एक विवाह समारोह में मौजूद था। वह कभी देवरिया जेल नहीं गया। जेल के मुलाकातियों के रजिस्टर में भी उसका नाम दर्ज नहीं है। देवरिया के जेलर ने उसके जेल में मौजूद होने के बारे में गलत जानकारी दी है।
इस मामले को अन्य एक अभियुक्त को जमानत मिल चुकी है। कोर्ट ने याची की दलीलों को सुनने के बाद सरकारी वकील को हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि क्या देवरिया जेल के जेलर ने गलत जानकारी दी है यदि ऐसा है तो उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? कोर्ट ने कहा है कि यदि वादी मुकदमा जैद खालिद ने याची के इस घटना में शामिल होने के बारे में गलत जानकारी दी है तो वादी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई।
कोर्ट ने घटना की तारीख का जेल की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी अभियोजन को देखने का निर्देश दिया है कि क्या याची द्वारा कही जा रही बात सही है अथवा नहीं। याची इमरान पर आरोप है कि उसने जैद खालिद का धूमनगंज क्षेत्र से अपहरण कर लिया और उससे लूटपाट की तथा इसके बाद उसे देवरिया जेल ले जाया गया। जहां अतीक अहमद की मौजूदगी में उसकी पिटाई गई और जान से मारने की धमकी दी गई। कोर्ट ने जवाब दाखिल होने तक इमरान के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।