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यूपी पशुधन अधिकारी भर्ती घोटाला : तीन साल में एसआइटी जांच पूरी न होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सख्त

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में पशुधन प्रसार अधिकारी पद के भर्ती घोटाले की जांच के लिए गठित एसआइटी की जांच तीन साल बाद भी पूरी न होने पर सख्त रुख अख्तियार किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 06:38 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 06:38 PM (IST)
यूपी पशुधन अधिकारी भर्ती घोटाला : तीन साल में एसआइटी जांच पूरी न होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सख्त
यूपी पशुधन अधिकारी भर्ती घोटाले की एसआइटी जांच पूरी न होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सख्त हो गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में पशुधन प्रसार अधिकारी पद के भर्ती घोटाले की जांच के लिए गठित एसआइटी की जांच तीन साल बाद भी पूरी न होने पर सख्त रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश की अवहेलना करने पर एसआइटी डायरेक्टर को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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कोर्ट ने कहा कि यदि जांच रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल नहीं किया तो कोर्ट कड़ी कार्रवाई पर विचार करेगी।यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने मो. अकरम व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि 21 दिसंबर 2017 को एसआइटी जांच का आदेश दिया गया। कई बार जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का समय दिया गया।

इधर, 18 फरवरी 2021 को 28 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने का अंतिम अवसर देने के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके लिए फिर समय मांगा गया है। वहीं, याची का कहना है कि कोर्ट लगातार सरकार को समय दे रही है। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 28 जून को होगी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती कि लिये 100 की बजाय 80 नंबरों के लिये लिखित परीक्षा कराई गई। जबकि, 20 नंबर इंटरव्यू के लिये रखे गए। आरोप है कि इंटरव्यू के इन्हीं नंबरों के जरिए मनपसंद अभ्यर्थियों को चुन लिया गया। भर्ती घोटाले की जांच सरकार ने 28 दिसंबर, 2017 को एसआइटी को सौंपी थी।


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