Fake Teachers Case : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बीएड की फर्जी डिग्री केस में शिक्षक की बर्खास्तगी पर लगाई रोक
Fake Teachers Case इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की 2004-05 की बीएड की फर्जी डिग्री के आरोप में शिक्षक की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की 2004-05 की बीएड की फर्जी डिग्री के आरोप में शिक्षक की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है। साथ ही याचिका लंबित रहने के दौरान उन्हें बहाल करके नियमित वेतन भुगतान का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि फर्जी डिग्री के आरोप में बर्खास्तगी के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील पर खंडपीठ ने रोक लगा दी है, इसीलिए उसकी बर्खास्तगी अपील तय होने तक रद की जाए। हाई कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सहायक अध्यापक आशीष दूबे की याचिका पर दिया है।
बीएड की फर्जी डिग्री मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में गुरुवार को दाखिल याचिका पर अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की। याची का कहना है कि उसने विश्वविद्यालय से 2004-05 सत्र में बीएड डिग्री हासिल की है। वह 20 सितंबर 2015 से नौकरी कर रहा है। एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया। एसआईटी जांच में हजारों बीएड डिग्रियों के फर्जी होने की रिपोर्ट पर कार्रवाई का आदेश दिया गया। इसके बाद बीएसए ने कारण बताओ नोटिस जारी करके याची को बर्खास्त कर दिया। याची का कहना है कि जिस आदेश से कार्रवाई की गई है, उस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपील के निर्णय के बाद याचिका सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में कार्यपरिषद ने बीएड सत्र 2005 (2004-05) के फर्जीवाड़े में 2824 छात्रों की अंकतालिका को फर्जी करार दिया है। 3637 फर्जी छात्रों (रोल नंबर जनरेट, बिना पढ़े और परीक्षा दिए अंकतालिका देना) की सूची पर यह फैसला लिया है। फर्जी अंकतालिका के आधार पर छात्रों ने प्रदेश भर में शिक्षक की नौकरी पा ली है।