वाराणसी में दो युवकों की हत्या में पुलिस की भूमिका पर हाई कोर्ट गंभीर, एसएसपी से मांगा हलफनामा
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में शुभम केसरी व रवि पांडेय नाम के दो युवकों की हत्या में पुलिस की भूमिका पर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि मृतक के भाई ने पुलिस को अपहरण की सूचना दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में शुभम केसरी व रवि पांडेय नाम के दो युवकों की हत्या में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही का परिचय दिया है। पूरे मामले पर एसएसपी व एएसपी को तलब कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में शुभम केसरी की उसके भाई शिवम केसरी के माध्यम से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की पीठ सुनवाई कर रही है। कोर्ट का कहना था कि पूरे मामले को देखने से स्पष्ट है कि पुलिस ने इस मामले में घोर लापरवाही बरती है। इससे उसकी भूमिका संदेह के घेर में आ जाती है।
पीठ ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि मृतक के भाई ने पुलिस अधिकारियों को अपहरण की सूचना दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया, न ही कोई विवेचना शुरू की। नामजद आरोपियों सुनील निगम, गौरव निगम तथा जैतपुरा, पांडेयपुर और चौक थानों की पुलिस की भूमिका पर भी अधिकारियों द्वारा दाखिल हलफनामे में चुप्पी साधी गई है। इसके बाद 15 जनवरी को मीरजापुर से दोनों का पार्थिव शरीर बरामद होने पर पुलिस ने 19 जनवरी को सुनील निगम और चार अन्य को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने 22 जनवरी को दोनों युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के साथ दोनों अधिकारियों को तलब किया है।
मामले के अनुसार शिवम केसरी ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी कि 22 दिसंबर 2020 को उसका भाई शुभम केसरी अपने मित्र रवि पांडेय के साथ अन्य दोस्त सुनील गुप्त के घर गया था। वहां से सुनील की बाइक लेकर वापस अपने घर आ रहा था तभी चौक, जैतपुरा और पांडेयपुर थाना के पुलिसकर्मियों ने दोनों का अपहरण कर लिया। पीटते हुए अपने साथ ले गए। इसमें गौरव निगम और सुनील निगम की भी भूमिका बताई गई।
डीजीपी से लेकर आला अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद इस घटना की न तो रिपोर्ट दर्ज की गई और न ही दोनों युवकों के बारे में कोई जानकारी मिल सकी। इसके बाद शिवम ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की। कोर्ट द्वारा इसका संज्ञान लेने के बाद पुलिस पांच जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की है।