इलाहाबाद हाई कोर्ट कहा- आपराधिक मामले में फाइनल रिपोर्ट लगने पर याचिका अर्थहीन
श्वसुर ने बहू और बेटों के खिलाफ लूट और जालसाजी करके संपत्ति हड़पने के आरोप में एफआइआर दर्ज करायी है जबकि याची अपने पति से पहले ही तलाक ले चुकी थी। विवेचना में सच्चाई पता चली तो पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
प्रयागराज, जेएनएन। श्वसुर ने बहू और बेटों के खिलाफ लूट और जालसाजी करके संपत्ति हड़पने के आरोप में एफआइआर दर्ज करायी है, जबकि याची अपने पति से पहले ही तलाक ले चुकी थी। विवेचना में सच्चाई पता चली तो पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इस बीच पीड़ित बहू ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुकदमा रद करने की गुहार लगाई है। कोर्ट ने आपराधिक मामले में फाइनल रिपोर्ट दाखिल होने के आधार पर याचिका को अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने बागपत की साक्षी सक्सेना की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता आशुतोष गुप्त के मुताबिक याची ने बागपत के तितरौंदा गांव थाना सिहांवली अहीर के यशवेंद्र पाल से 2013 में शादी की थी। दोनों के बीच मनमुटाव होने के कारण 2017 में आपसी सहमति से तलाक हो गया। इसके बाद 29 जून 2020 को श्वसुर अतर सिंह ने बेटे यशवेंद्र, याची व छोटे बेटे पुष्पेंद्र पाल सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
आरोप लगाया कि तीनों मिलकर उनके दिल्ली स्थित मकान का ताला तोड़कर घुस गए। वहां रखे गहने, नकदी व मकान के कागजात उठा ले गए। यह भी आरोप लगाया कि उनके पुत्रों ने कई बार उन्हें जान से मारने की नीयत से एक्सीडेंट कराने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने मकान व खेत हड़पने की नीयत से फर्जी कागजात भी तैयार कर लिए हैं। पुलिस ने इस मामले में साक्षी सहित अतर सिंह के दोनों बेटों के खिलाफ दर्ज एफआइआर कर विवेचना की। इसमें साक्षी का तलाक होने की जानकारी के बाद पुलिस उसके पक्ष में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।