इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- सरकारी कार्यालयों में नो-मास्क, नो-इंट्री का फार्मूला किया जाए लागू
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार को आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार मास्क बनाने का निर्देश दिया है। कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकारी कार्यालयों में नो-मास्क नो-इंट्री का फार्मूला लागू किया जाए। ताकि बिना मास्क पहने कोई कर्मचारी-अधिकारी कार्यालय में प्रवेश न करने पाए।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार ही मास्क बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकारी कार्यालयों में नो-मास्क, नो-इंट्री का फार्मूला लागू किया जाए। ताकि बिना मास्क पहने कोई कर्मचारी-अधिकारी कार्यालय में प्रवेश न करने पाए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से मास्क के संबंध में गाइडलाइन कोर्ट में दाखिल की गई। उसका अनुपालन कराने के लिए राज्य सरकार को सौंप दिया गया है। अर्जी में मास्क की गुणवत्ता को लेकर अनुरोध किया गया था। याचिका की सुनवाई सात अक्टूबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोविड-19 मामले को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। वहीं, कोर्ट में मेसर्स सैनिक स्वीट प्राइवेट लिमिटेड बृजेश कुमार कुशवाहा, मेसर्स यामे फास्ट फूड आदित्य अर्पण निगम, मेसर्स पिक एंड डाइन व शिशिर निगम ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में अर्जी देकर सुनवाई की मांग की थी।
सरकार की ओर से दी गयी जानकारी के बाद उक्त याचियों के संदर्भ में कोर्ट ने कोई आदेश जारी करना जरूरी नहीं समझा, बल्कि उम्मीद जताई कि पुलिस इन लोगों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की शीघ्र ही विवेचना पूरी करके उचित कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का सभी होटल, रेस्टोरेंट व ठेले लगाकर खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले पालन करेंगे।
शारीरिक दूरी मानक का हो पालन : कोर्ट ने कहा कि पुलिस गाइडलाइन का पालन न करने पर कार्रवाई कर रही है। ऐसी जागरूकता अगले छह हफ्ते तक बनाये रखी जाए। होटल, रेस्टोरेंट, ठेले वालों से आश्वासन ले लिया जाय कि वे शर्तों का पालन करेंगे। शारीरिक दूरी मानक का पालन करते हुए ग्राहक दुकान के अंदर ही खाना खाएं। खुले में किसी को खाने की अनुमति नहीं होगी। पटरी दुकानदार पेयजल की बिक्री नहीं करेगे। पांच हजार रुपये महीने की आमदनी वाली दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं। खाद्य पदार्थों को पैक करके दिया जाय। शर्तें न मानने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।