Allahabad High Court : आजाद पार्क से अवैध निर्माण हटाने की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इलाहाबाद लेडीज क्लब बनाम जितेंद्रनाथ सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पालन पर हलफनामा मांगा है। पूछा है कि क्या 1975 के बाद पार्क के भीतर के सभी अवैध निर्माण हटाए जा चुके हैं?
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क में 1975 के बाद हुए अवैध निर्माण हटाने की सरकार की रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं माना। याची ने भी कहा कि अभी काफी अवैध निर्माण पार्क के अंदर मौजूद हैं। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से इलाहाबाद लेडीज क्लब बनाम जितेंद्रनाथ सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पालन पर हलफनामा मांगा है। पूछा है कि क्या 1975 के बाद पार्क के भीतर के सभी अवैध निर्माण हटाए जा चुके हैं? कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट की प्रति याची को आपत्ति देने के लिए सौंपने का भी निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जितेंद्र सिंह बिसेन की जनहित याचिका पर दिया है।
याची ने कहा कि सभी अवैध निर्माण नहीं हटाए
याची का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अरुण कुमार केस में पार्क से अतिक्रमण हटाने के आदेश पालन नहीं किया जा रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने पार्क अधीक्षक, जिला प्रशासन, पीडीए व नगर निगम प्रयागराज से जानकारी मांगी थी कि पार्क कानून बनाने की तारीख से पहले पार्क में कितने निर्माण थे। इसके बाद कितने निर्माण कार्य किए गए हैं। रिकार्ड के अभाव में कोई विभाग इसकी जानकारी नहीं दे सका तो हाई कोर्ट ने कमिश्नर सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को तलब किया। फिर कुछ निर्माण हटाए गए। हाई कोर्ट में कहा गया कि सारे अवैध निर्माण हटा दिए गए हैं। इस पर याची ने आपत्ति करते हुए कहा कि सभी अवैध निर्माण नहीं हटाए गए हैं।
गुरूवार आधी रात तक चली पार्क में कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के आदेश पर गुरुवार दोपहर से आधी रात में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने पीडीए और नगर निगम के दस्ते से अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जे तोड़ दिए। अधिकारियों का कहना था कि एक मस्जिद, तीन मजार, तीन छोटे मंदिर, 14 कब्र, कैंटीन स्थल, टीन शेड आदि तोड़कर उस स्थान पर पौधे रोप दिए गए हैं।