Move to Jagran APP

Allahabad High Court : पूर्व विधायक उमाकांत यादव के पुत्र को राहत से इन्कार

Allahabad High Court याची का कहना था कि वह राजनीतिक दल से जड़ा हैपुलिस ने उसे फर्जी ढंग से फंसाया है। थाना इंचार्ज ने जो एफआइआर दर्ज कराई है वास्तव मेें ऐसी घटना नहीं हुई। पुलिस ने उसकी गाड़ी रोकी और अपशब्द का प्रयोग करते हुए मुकदमे में फंसा दिया।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 07:24 PM (IST)
Allahabad High Court : पूर्व विधायक उमाकांत यादव के पुत्र को राहत से इन्कार
याची का कहना था कि वह राजनीतिक दल से जड़ा है, इसलिए पुलिस ने उसे फर्जी ढंग से फंसाया है।

प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बाहुबली पूर्व विधायक उमाकांत यादव के बेटे रविकांत यादव और अन्य के खिलाफ गिरोह बंद कानून के तहत दर्ज आपराधिक मामले की विवेचना दूसरे थाने की पुलिस को स्थानांतरित करने की मांग अस्वीकार कर दी है। अदालत ने कहा कि विवेचनाधिकारी निष्पक्ष विवेचना करें और किसी आपराधिक घटना को झूठी करार देने संबंधी याची के आरोपों की भी तहकीकात की जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने रविकांत यादव की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

loksabha election banner

याची का आरोप था कि जिस थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज कराई है, वही विवेचना भी कर रही है। कोर्ट ने इस पर कहा कि आरोपित पुलिस जांच नहीं कर रही है, बल्कि दूसरी पुलिस विवेचना कर रही है। याची का यह भी कहना था कि वह राजनीतिक दल से जड़ा है, इसलिए पुलिस ने उसे फर्जी ढंग से फंसाया है। थाना इंचार्ज ने जो एफआइआर दर्ज कराई है, वास्तव मेें ऐसी घटना नहीं हुई। पुलिस ने उसकी गाड़ी रोकी और अपशब्द का प्रयोग करते हुए मुकदमे में फंसा दिया। उसके पास लाइसेंसी राइफल थी। उससे फायर भी नहीं हुआ। बावजूद इसके पुलिस ने खोखा भी बरामद कर लिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस पर दुर्भावनापूर्ण कार्य करने का आरोप लगाया गया है, लेकिन कोई तथ्य नहीं दिया गया। यह भी नहीं बताया कि याची किस राजनीतिक दल से जुड़ा है और पुलिस उसे क्यों फंसा रही है? आरोप है कि 06 फरवरी 2021 को आजमगढ़ में दीदारगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह हमराही दरोगा बृजेश कुमार सिंह व टीम के साथ वांछित आरोपित (याची) को पकडऩे के लिए सादी वर्दी में खड़े थे। याची की फार्चूनर कार पुलिस वाहन को बगल से टक्कर मारते हुए सामने खड़ी हो गई। कई लोगों ने असलहे के साथ पुलिस वालों को घेर लिया। एसएचओ ने अपना और टीम का परिचय दिया परंतु याची व उसके साथी नहीं माने। अपशब्द का प्रयोग करते हुए धक्का दिया। पुलिस टीम के पोजीशन लेने पर फायर कर भागने की कोशिश में याची पकड़ा गया। शस्त्र व गाड़ी जब्त कर ली गई। थानाध्यक्ष संजय सिंह इस मामले में वादी हैैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.