इलाहाबाद हाई कोर्ट : क्रिकेट खेलने के झगड़े में गोली मारकर हत्या के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज
हाईकोर्ट ने क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद के बाद गोली मारकर हत्या के आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने जमानत की अर्जी भी खारिज कर दी है। कहा कि हालांकि जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद के बाद मुंह में पिस्टल डालकर गोली मारकर हत्या के आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने जमानत की अर्जी भी खारिज कर दी है। कहा कि हालांकि जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद। अपराध के आरोपित को जमानत देना या न देना कोर्ट का विवेकाधिकार है। इसका इस्तेमाल न्यायपूर्ण व सहानुभूतिपूर्वक किया जाना चाहिए। प्रश्नगत मामले में आरोप और साक्ष्य गंभीर अपराध का खुलासा करते है। गोली मारकर हत्या के गंभीर अपराध के आरोपित को जमानत पाने का हकदार नहीं है।
सादाबाद कोतवाली हाथरस का है मामला
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सादाबाद कोतवाली हाथरस निवासी भ्रम प्रकाश की अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। न्यायमूर्ति शमशेरी ने हिंदी भाषा में यह आदेश दिया। सोबरन सिंह ने 22 मई 2020 को एफआइआर दर्ज कराई कि उसका भाई श्रीनिवास याची भ्रमप्रकाश, जीनू योग प्रकाश व सत्य प्रकाश क्रिकेट खेल रहे थे। खेल के दौरान झगड़ा हो गया। उसका भाई घर वापस आ रहा था, तभी मंदिर के पास तमंचा लेकर चारों ने उसे घेर लिया। फिर भ्रम प्रकाश ने गोली मारकर घायल कर दिया। घायल को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसमें तीन अन्य आरोपितों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।