इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री अंगद यादव और आलोक यादव की जमानत अर्जी की खारिज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री अंगद यादव व आलोक यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इन पर राजनारायण सिंह की हत्या और षड्यंत्र रचने का आरोप है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री अंगद यादव व आलोक यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इन पर राजनारायण सिंह की हत्या और षड्यंत्र रचने का आरोप है। इनके खिलाफ एमपी एमएलए विशेष न्यायालय प्रयागराज में मुकदमा चल रहा है। हाई कोर्ट ने विशेष अदालत को छह माह के अंदर आपराधिक मुकदमे का निपटारा करने का निर्देश दिया है। साथ ही एसएसपी प्रयागराज और एसपी आजमगढ़ को बुलाने और गवाहों की पेशी सुनिश्चित करने को भी कहा है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह आदेश दिया है।
मृतक राजनारायण सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने 19 दिसंबर 2015 की सुबह सात बजे पति की गोली मारकर हत्या करने की एफआईआर आजमगढ़ के सिधारी थाने में दर्ज कराई है, जिसमें पूर्व मंत्री अंगद यादव, सुनील सिंह, अरुण यादव और शैलेश नामजद हैं। विवेचना के दौरान सुधा सिंह की बहन प्रभा सिंह के इस बयान कि आलोक भाग चलो, काम हो गया है के आधार पर आलोक यादव पर भी हत्या में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है। याची अधिवक्ता राजीव लोचन शुक्ल का कहना था कि पूर्व मंत्री अंगद यादव की दूसरी जमानत अर्जी है। पहली इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि याची गवाहों की प्रतिपरीक्षा नहीं होने दे रहा है।
वहीं, आरोपित पक्ष के अधिवक्ता का कहना था कि गवाहों को अभियोजन पक्ष पेश नहीं कर रहा है और विचारण शीघ्र होने की संभावना नहीं है। केवल षड्यंत्र का आरोप है और वह साढ़े चार साल से जेल में है। पूर्व मंत्री अंगद यादव 25 दिसंबर 2015 और आलोक यादव 26 जनवरी 2019 से जेल में बंद है। जमानत अर्जी का विरोध अपर महाधिवक्ता विनोद कांत ने किया। इनका कहना था कि याची हिस्ट्रीशीटर है। पूर्व मंत्री अंगद यादव पर आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं। भय के कारण गवाह नहीं आते हैैं। अपराध गंभीर है। ऐेसे में जमानत अर्जी निरस्त की जाए।