Allahabad high court : नगर पंचायत झूंसी को नगर निगम में मिलाने के खिलाफ याचिकाएं खारिज
Allahabad high court अंतिम निर्णय राज्यपाल को लेना है इसलिए रिपोर्ट में कोई अवैधानिकता नहीं है। जहां तक मिलाने से पहले आपत्ति लेने का प्रश्न है तो संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। नगर पंचायत भंग करते समय आपत्ति लेने का नियम है।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर पंचायत झूंसी व बहादुरपुर ब्लाक के कुछ गांव सभा को नगर निगम प्रयागराज में मिलाने के 31 दिसंबर 2019 के आदेश व मंडलायुक्त के एकीकरण की संस्तुति की वैधानिकता के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। कहा कि आयुक्त की रिपोर्ट पैरामीटर पूरा होने के आधार पर दी गयी है। अंतिम निर्णय राज्यपाल को लेना है, इसलिए रिपोर्ट में कोई अवैधानिकता नहीं है। जहां तक मिलाने से पहले आपत्ति लेने का प्रश्न है, तो संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। नगर पंचायत भंग करते समय आपत्ति लेने का नियम है। लेकिन, पंचायत भंग नहीं की गयी है। विकास कार्य जारी रखने की छूट दी गयी है। इससे लोगों के आॢथक स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
कोर्ट ने कहा कि नगर पंचायत के लोग शहर का पैरामीटर पूरा करने के बावजूद स्मार्ट सिटी योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं। याचिका बलहीन होने के नाते खारिज की जाती है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने नगर पंचायत झूंसी व आल इंडिया पंचायतराज परिषद की याचिकाओं पर दिया है। याची का कहना था कि आयुक्त को नगर निगम में पंचायतों को मिलाने की संस्तुति करने का अधिकार नहीं है। नगर पंचायत बोर्ड से प्रस्ताव जाना चाहिए और आदेश से पहले लोगों की आपत्तियों पर विचार करना चाहिए। साथ ही यह भी कहना था कि नगर पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल है, जिसमें कमी नहीं की जा सकती। नगर निगम प्रयागराज के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभु राय का कहना था कि आयुक्त सरकार के डेलीगेट है। संस्तुति में कोई दोष नहीं है। पैरामीटर के अनुसार संस्तुति की गयी है। संविधान मे किसी भी पंचायत के पैरामीटर में आने पर संयोजन पर कोई अवरोध नहीं है। कोर्ट ने कहा झूंसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। एचआरआइ सहित कई शिक्षण संस्थान है। केंद्र सरकार का एटॉमिक एनर्जी विभाग है। आवास विकास प्राधिकरण व प्रयागराज विकास प्राधिकरण की कालोनियां हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेज भी हैं। ऐसे में नगर निगम प्रयागराज में नगर पंचायत झूंसी को शामिल करने में कोई कानूनी खामी नहीं है।