Allahabad High Court : अध्यापिका की खुदकुशी के मामले में महिला प्रधानाचार्य के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई पर रोक
याचिका पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। इनका कहना है कि एक अध्यापिका ने पेपर आउट कर दिया। जिसे बुलाकर प्रबंधक ने फटकार लगाई और नौकरी से निकालने की धमकी दी। इस पर अध्यापिका ने स्कूल परिसर में जहर खाकर आत्महत्या कर लिया।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंडियन कांवेंट स्कूल सिविल लाइंस झांसी की प्रधानाचार्य मधु माम उर्फ मधु शर्मा के खिलाफ हत्या व आत्महत्या के आरोप मे दर्ज आपराधिक मामले के तहत उत्पीडऩात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अदालत में विचाराधीन राज्य बनाम राकेश कुमार व अन्य मुकदमे की पत्रावली तलब कर ली है। याचिका की सुनवाई सात अप्रैल को होगी।
हत्या व आत्महत्या के लिए उकसाने में है आरोपित
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने प्रधानाचार्य मधु माम की पुनरीक्षण याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। इनका कहना है कि एक अध्यापिका ने पेपर आउट कर दिया। जिसे बुलाकर प्रबंधक ने फटकार लगाई और नौकरी से निकालने की धमकी दी। इस पर अध्यापिका ने स्कूल परिसर में जहर खाकर आत्महत्या कर लिया। सुसाइड नोट में प्रधानाचार्य व प्रबंधक को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। याची को आरोपमुक्त करने की अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी। जिस पर यह याचिका दायर की गयी है। याची अधिवक्ता का कहना है कि उसके ऊपर और आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं बनता है। अधीनस्थ न्यायलय ने बिसरा रिपोर्ट में जहर व सुसाइड नोट के आधार पर याची की अर्जी खारिज कर दी है।