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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एटा के वकील पर पुलिस बर्बरता की जांच के दिए आदेश, सीजेएम से मांगी रिपोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर को एटा के वकील राजेन्द्र शर्मा और उनके परिवार पर पुलिस बर्बरता और दुर्व्यवहार की घटना की सीजेएम से जांच रिपोर्ट तलब की है। हाई कोर्ट ने एटा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सीजेएम को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 02:12 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 11:12 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एटा के वकील पर पुलिस बर्बरता की जांच के दिए आदेश, सीजेएम से मांगी रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के वकील राजेन्द्र शर्मा और उनके परिवार पर पुलिस बर्बरता की जांच रिपोर्ट तलब की है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 21 दिसंबर को एटा के वकील राजेन्द्र शर्मा और उनके परिवार पर पुलिस बर्बरता और दुर्व्यवहार की घटना की सीजेएम से जांच रिपोर्ट तलब की है। हाई कोर्ट ने एटा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सीजेएम को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। कहा है कि सीजेएम को उनके द्वारा मांगी गयी जानकारी और दस्तावेज दिये जाएं।

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हाई कोर्ट ने जांच में आडियो वीडियो विजुअल के आधार पर घटना की पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने बार काउंसिल और बार एसोसिएशन के पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कायम जनहित याचिका पर दिया है।

बता दें कि 21 दिसंबर को पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता राजेन्द्र शर्मा के आवास का दरवाजा तोड़कर उन्हें घसीटा और पैरों से ठोकरें मारी। पूरे परिवार को घसीटते हुए थाने के लॉकअप में डाल दिया। पुलिस की बर्बर कार्रवाई के विजुअल इंटरनेट मीडिया में आने के बाद वकीलों ने पुलिस रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर प्रदेशव्यापी विरोध के तहत वकीलों ने हड़ताल की। बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्र ने भी कड़ा विरोध किया।

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की, जिस पर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने जनहित याचिका कायम कर खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया था। अब इस मामले की सुनवाई आठ जनवरी को होगी।


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