Move to Jagran APP

DGP को इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश, दो माह में पूरी कराएं मैनपुरी में छात्रा से दुष्कर्म के सभी मुकदमों की विवेचना

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणियां की। पुलिस प्रमुख (डीजीपी) मुकुल गोयल से कहा कि वह सीआरपीसी की धारा 173 का पालन के लिए सर्कुलर जारी करें। दो माह में विवेचना पूरी करने का सभी निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिया जाय।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 12:15 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:22 PM (IST)
DGP को इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश, दो माह में पूरी कराएं मैनपुरी में छात्रा से दुष्कर्म के सभी मुकदमों की विवेचना
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पैसा ही सब कुछ नहीं, स्वर्ग कहीं और नहीं,यहींं फल भुगतना पड़ता है

प्रयागराज, विधि संवाददाता। मैनपुरी में छात्रा से दुष्कर्म के बाद हुए हत्याकांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणियां की। पुलिस प्रमुख (डीजीपी) मुकुल गोयल से कहा कि वह सीआरपीसी की धारा 173 का पालन करने के लिए सर्कुलर जारी करें। दो माह में विवेचना पूरी करने का सभी निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिया जाय।

loksabha election banner

पुलिस बरामदगी की बजाय हथियार करती है प्लांट

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने मामले में सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस असल में बरामदगी करने की बजाय हथियारों को प्लांट करती है। बैलेस्टिक रिपोर्ट मैच नहीं करने से अपराधी बरी होते हैं। इस मसले पर हाई कोर्ट ने मार्मिक टिप्पणी करते हुए कहा कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। स्वर्ग कहीं और नहीं है। सबको कर्मों का फल यहीं भुगतना पड़ता है। जांच में देरी से भी साक्ष्य नहीं मिल पाते। अपराधी जानते हैं कि कुछ नहीं होगा इसलिए वे बेखौफ होकर आपराधिक घटनाएं करते रहते हैं।

सिपाही करता है विवेचना, दारोगा कभी कभी जाता है

हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। अधिकांश विवेचना कांस्टेबल करता है। दारोगा कभी कभी ही विवेचना करने के लिए जाता है। मैनपुरी मामले में विवेचना ठीक से नहीं हुई। डीजीपी ने बताया कि मैनपुरी की घटना में अपर पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की गई है। हाई कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि निष्पक्ष विवेचना नहीं होने से सजा का रेट 6.5 फीसद है जबकि विदेश में 85 फीसद है। पुलिस द्वारा सही विवेचना नहीं होने से अपराधी छूट जा रहे हैैं। घटना सुबह पांच से छह बजे हुई लेकिन परिवार को सूचना नहीं दी। इस घटना में पुलिस की भूमिका ठीक नहीं रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.