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इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- प्रयागराज में सड़कों पर घूमने वाले जानवरों व कुत्तों को शहर से करें बाहर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज को सड़कों पर घूमने वाले जानवरों व कुत्तों को शहर से बाहर करने का निर्देश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 11:12 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- प्रयागराज में सड़कों पर घूमने वाले जानवरों व कुत्तों को शहर से करें बाहर
इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- प्रयागराज में सड़कों पर घूमने वाले जानवरों व कुत्तों को शहर से करें बाहर

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज को सड़कों पर घूमने वाले जानवरों व कुत्तों को शहर से बाहर करने का निर्देश दिया है। साथ ही पूछा है कि शारीरिक दूरी मानक व मास्क लगाने की अनिवार्यता को कैसे लागू करेंगे। इसको लेकर पुलिस क्या काम कर रही है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज नगर के 80 वार्डों के सभासदों को पुलिस, एनसीसी व भारत स्काउट वालंटियर्स के साथ मिलकर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करके कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज को इस संबंध में प्रशिक्षण की व्यवस्था करने को कहा है। इसकी कार्य योजना 31 अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया है, जिससे वह व्यवस्था प्रदेश के अन्य शहरों की लागू कराई जा सके। समाजसेवी पीके जैसवार ने बताया कि उनके साथ 1600 वालंटियर्स सेवा देने के लिए तैयार हैं। वहीं, प्रयागराज में कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन न होने की शिकायत के साथ दाखिल फोटोग्राफ अपर महाधिवक्ता को सौंपकर कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है।

पार्थिव शरीर न देने पर जांच का निर्देश : सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि कानपुर नगर में कोरोना के एक मरीज की निजी अस्तपाल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मृतक के परिजनों ने 11 लाख रुपये दे दिया है। लेकिन, अस्तपाल प्रबंधन ने पार्थिव शरीर नहीं दिया। कहा कि साढ़े 14 लाख रुपये देने पर ही पार्थिव शरीर दिया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी कानपुर नगर को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना इलाज में शामिल करने की मांग में दाखिल अर्जी पर सरकारी अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं न होने के तथ्य पेश करने को कहा है।

मरीज से दुर्व्यवहार की शिकायत : अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने लखनऊ के कोरोना मरीज के साथ लापरवाही का मुद्दा उठाया। पीड़ित राधेश्याम दीक्षित के साथ अस्पताल में दुर्व्यवहार किया गया है। कोर्ट ने कहा कि राधेश्याम ने जिलाधिकारी लखनऊ से शिकायत की है, उसकी जांच करके जांच रिपोर्ट पेश की जाय। वहीं, एमबीबीएस मास्टर डिग्री ले रहे छात्रों को लेबल थ्री श्रेणी के अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टर की सेवाएं लेने की मांग में दाखिल अर्जी पर कोर्ट ने राज्य सरकार से विचार करके बताने को कहा है।

पशु मेला लगाने पर मांगी जानकारी : फीरोजाबाद में गाइडलाइन के विपरीत पशु मेला लगाने के मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से पूछा है कि गाइडलाइन का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? वहीं पान, गुटखा व खैनी खाकर सड़क पर थूकने के आदेश का पालन न करने का मुद्दा कोर्ट के समक्ष उठाया गया। इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि एक अगस्त को जारी आदेश का पालन कैसे कराएगी? मुख्य सचिव ने कोर्ट से मांगा गया रोडमैप प्लान देने के लिए समय देने की मांग की। कोर्ट ने समय देते हुए कहा कि लोगों का आवागमन और व्यावसायिक गतिविधियों को न्यूनतम कैसे करेंगे? इसकी भी जानकारी दें। लोग अनावश्यक भीड़ न लगाने पाएं।


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