Allahabad High Court: शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने संबंधी डीएम वाराणसी का आदेश रद
Allahabad High Court News इलाहाबाद कोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के आदेश व अपीलीय आदेश को रद कर दिया है तथा पुनर्विलोकन अर्जी को पुनर्स्थापित करते हुए जिलाधिकारी वाराणसी को दो माह में दोनों पक्षों को सुनकर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के मामले में यदि सुनवाई का मौका नहीं दिया गया है तो जिलाधिकारी को अपने आदेश का पुनर्विलोकन का अधिकार है। यदि विधि प्रश्न निहित है तो आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करना जरूरी नहीं है। पुनर्विलोकन पोषणीय है।
कोर्ट ने जिलाधिकारी वाराणसी को दो माह का दिया समय
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने आलोक वर्मा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के आदेश व अपीलीय आदेश को रद कर दिया है तथा पुनर्विलोकन अर्जी को पुनर्स्थापित करते हुए जिलाधिकारी वाराणसी को दो माह में दोनों पक्षों को सुनकर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
याची को दी गई थी नोटिस
याची को कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी कि क्यों न शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जाए। याची ने जवाब दिया। इसके बाद उसे सुने बिना लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। रिव्यू अर्जी खारिज कर दी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई। अपील मंजूर करते हुए जिलाधिकारी को रिव्यू तय करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की तो फिर याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि कानून में रिव्यू का उपबंध किया गया है तो उसकी सुनवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि यदि प्रक्रिया दोषपूर्ण है तो अधिकरण रिव्यू कर सकता है।
हाईकोर्ट के तीन अधिकारी प्रोन्नत
अनुभाग अधिकारी राजेश कुमार त्रिपाठी को सहायक निबंधक, उपनिबंधक सह न्यायपीठ सचिव श्रेणी तीन सुरेश चन्द्र को संयुक्त निबंधक सह न्यायपीठ सचिव श्रेणी चार, सहायक निबंधक सह न्यायपीठ सचिव दो शैयद वकार को उप निबंधक सह न्यायपीठ सचिव श्रेणी तीन के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है। इसकी अधिसूचना महानिबंधक आशीष गर्ग ने जारी किया है। उच्च न्यायालय कर्म अधिकारी संघ के महासचिव बृजेश कुमार शुक्ला व अन्य पदाधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के प्रति आभार व्यक्त किया है।