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इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- मुख्य सचिव न्यायालय के निर्देश का पालन करें अथवा हाजिर हों

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव राजेंद्र प्रसाद तिवारी को न्यायालय के आदेश का पालन करने अन्यथा कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख आठ दिसंबर को हाजिर होने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 10:01 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- मुख्य सचिव न्यायालय के निर्देश का पालन करें अथवा हाजिर हों
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को न्यायालय के आदेश का पालन करने अन्यथा कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव राजेंद्र प्रसाद तिवारी को न्यायालय के आदेश का पालन करने अन्यथा कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख आठ दिसंबर को हाजिर होने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित अनुदेशक के मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया था, जबकि इन्हें आधे से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। उसका पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दायर की गयी है। सरकारी अधिवक्ता का तर्क था कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने स्पेशल अपील दाखिल की है, इसलिए सुनवाई अपील तय होने तक रोकी जाए।

याची अधिवक्ता ने आपत्ति की कि मात्र अपील दाखिल करने से कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने से बचा नहीं जा सकता। आदेश पर रोक नहीं है। ऐसी दशा में यह कोर्ट की अवमानना का विषय वस्तु है। कोर्ट ने कहा कि निर्विवाद रूप से आदेश जारी हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है, इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया।


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