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Allahabad High Court: शिक्षा सेवा अधिकरण याचिका पर अंतर्हस्तक्षेपी अर्जी दाखिल

Allahabad High Court अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इससे पूर्व भी 2019 में लाये गये कानून को चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था। लेकिन आज तक जवाब दाखिल नहीं किया गया। सरकार ने थोड़ा बदलाव करके नया कानून पारित करा लिया।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 08:29 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 08:29 PM (IST)
जनहित याचिका में अधिवक्ता सुनीता शर्मा ने अंतर्हस्तक्षेपी अर्जी दाखिल की है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से शिक्षा सेवा अधिकरण कानून के खिलाफ कायम जनहित याचिका में अधिवक्ता सुनीता शर्मा ने अंतर्हस्तक्षेपी अर्जी दाखिल की है। इसमें अधिकरण कानून को रद करने की मांग की गयी है।

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अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इससे पूर्व भी 2019 में लाये गये कानून को चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था। लेकिन, आज तक जवाब दाखिल नहीं किया गया। सरकार ने थोड़ा बदलाव करके नया कानून पारित करा लिया। इसमें अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ व पीठ प्रयागराज में स्थापित करने की व्यवस्था की गयी है। इस फैसले के खिलाफ अपील सुप्रीम कोर्ट में होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने टीएमए पई केस में प्राइवेट अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं के अध्यापक स्टाफ को सिविल वाद में उलझाने के बजाय राज्य सरकार को अधिकरण बनाने का सुझाव दिया था। राज्य सरकार ने सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के अध्यापक स्टाफ के लिए अधिकरण कानून बनाया है, जो सुप्रीम कोर्ट की मंशा के विपरीत है। ऐसे मामले हाईकोर्ट में तेजी से निपटाये जा रहे हैं। मुकदमे जल्दी तय करने के लिए अधिकरण बनाने से उलझाव ही बढ़ेगा। जनहित याचिका की सुनवाई नौ अप्रैल को होने की संभावना है।


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