इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालौन में नवविवाहिता की मौत पर एसपी को विसरा रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालौन जिले में नवविवाहिता की मौत के मामले में विसरा जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने एसपी जालौन से कहा है कि वह मृतका का विसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब आगरा को भेजें।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालौन जिले में नवविवाहिता की मौत के मामले में विसरा जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने एसपी जालौन से कहा है कि वह मृतका का विसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब आगरा को भेजें। लैब को भी छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एसपी को सुपुर्द कर देने का निर्देश दिया है। इस मामले में पति और ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बाबी सिंह उर्फ साहिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने दिया है। याची अधिवक्ता का दावा था कि नवविवाहिता की मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी। कोरोना मृतकों की सूची में उसका नाम प्रशासन ने दर्ज किया है, लेकिन शिकायतकर्ता के अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि जब तक बिसरा जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक इसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना जा सकता।
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि नवविवाहिता के मोबाइल की कॉल रिकार्डिंग और वाट्सएप पर उपलब्ध मैसेज से स्पष्ट है कि पति उसे क्रूरतम मानसिक प्रताड़ना देता था। मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। उसे अप्राकृतिक मौत की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे से यह जानकारी मिली कि अब तक विसरा की जांच नही की गई, जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जालौन एसपी को छह सप्ताह में विसरा जांच की रिपोर्ट के साथ नौ फरवरी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। इस मामले में पति और ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है।