कुव्यवस्था उजागर वाले पर FIR दर्ज कराने वाले CHC अधीक्षक पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाया हर्जाना
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवाबानी सरायइनायत प्रयागराज के अधीक्षक डॉ. अमृत लाल यादव की ओर से व्याप्त कुव्यवस्था पर फेसबुक पोस्ट करने वाले याची के खिलाफ दर्ज करायी गई एफआइआर रद कर दी है। कोर्ट ने कहा कि याची की पोस्ट से कोई अपराध नहीं बनता।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवाबानी, सरायइनायत प्रयागराज के अधीक्षक डॉ. अमृत लाल यादव की ओर से व्याप्त कुव्यवस्था पर फेसबुक पोस्ट करने वाले याची के खिलाफ दर्ज करायी गई एफआइआर रद कर दी है। कोर्ट ने कहा कि याची की पोस्ट से कोई अपराध नहीं बनता। याची को परेशान करने के लिए विपक्षी डॉक्टर के ऊपर पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह धनराशि वह सरकारी खजाने से नहीं अपनी तनख्वाह से याची को देंगे।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने उमेश प्रताप सिंह की याचिका पर दिया है। याची के खिलाफ फेसबुक पोस्ट को लेकर सराय इनायत थाने में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवाबानी, सरायइनायत प्रयागराज के अधीक्षक डॉ. अमृत लाल यादव की ओर से 23 जून 2020 को एफआइआर दर्ज करायी थी। डॉ. अमृत लाल यादव ने याची के ऊपर मानहानि करने व महामारी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इन आरोपो को याचिका में चुनौती दी गई थी।
बहस की गयी कि सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। सुधार की आवाज के प्रति असहिष्णुता दिखाते हुए अपनी लापरवाही को सही ठहराने की कोशिश हो रही है। ऐसे ही मामले की हाईकोर्ट जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था को उठाने पर कार्यवाही न्याय प्रशासन मे हस्तक्षेप करना है। कोर्ट ने कहा कि सरकार व विपक्षी नहीं बता सके कि क्या अपराध बनता है? ऐसे में एफआइआर को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए रद कर दिया है।