इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला- तीन चौथाई सदस्यों के प्रस्ताव पर भंग हो जाएगी सोसायटी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सोसायटी पंजीकरण एक्ट की धारा-13 के तहत कुल सदस्यों के तीन चौथाई का प्रस्ताव पारित होते ही सोसायटी तत्काल भंग हो जाएगी। इसके लिए निबंधक का अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सोसायटी पंजीकरण एक्ट की धारा-13 के तहत कुल सदस्यों के तीन चौथाई का प्रस्ताव पारित होते ही सोसायटी तत्काल भंग हो जाएगी। इसके लिए निबंधक का अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है। केवल सोसायटी भंग करने का प्रस्ताव भेजकर सूचित करना पर्याप्त है। हाई कोर्ट ने सोसायटी भंग करने के प्रस्ताव का अनुमोदन करने का निबंधक को निर्देश देने से इन्कार करते हुए कहा कि ऐसा समादेश जारी नहीं किया जा सकता।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने प्रबंध समिति महर्षि कपिलमुनि शिक्षा समिति मैनपुरी की याचिका पर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि याची की सोसायटी का सर्वसम्मति से भंग करने का प्रस्ताव पारित होते ही वह तत्काल भंग हो गयी है। वह इसकी सूचना निबंधक को भेज दें। याची का कहना था कि सोसायटी भंग करने का प्रस्ताव पारित कर उप निबंधक को अनुमोदन के लिए भेजा गया है और वह कोई निर्णय नहीं ले रहे है, इसलिए निर्देश जारी किया जाए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत सोसायटी तीन तरीके से भंग की जा सकती है। पहला कुल सदस्यों के तीन चौथाई सदस्यों के बहुमत प्रस्ताव से, दूसरा उत्पन्न स्थिति पर निबंधक के द्वारा और तीसरे कोर्ट के आदेश के जरिये। लेकिन, याची की संस्था ने सर्वसम्मति से भंग करने का प्रस्ताव पारित किया है। इसके लिए निबंधक के अनुमोदन की जरूरत नहीं है। याची ने सोसायटी भंग करके सारी संपत्ति नई संस्था महर्षि कपिलमुनि शिक्षा ट्रस्ट को स्थानांतरित कर दी है।