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मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला

इलाहाबाद हाई कोर्ट दाखिल याचिका में कहा गया है कि जिलाधिकारी गाजीपुर ने मौखिक निर्देश से अजान देने पर रोक लगा दी है जो धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 07:23 PM (IST)
मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला
मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला

प्रयागराज, जेएनएन। मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के पत्र पर कायम जनहित याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी व अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन गाजीपुर की जनहित याचिकाओं पर दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बहस सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

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याचिका में कहा गया कि जिलाधिकारी गाजीपुर ने मौखिक निर्देश से अजान देने पर रोक लगा दी है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। सभी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। लोगों को नमाज के वक्त की जानकारी देने के लिये अजान जरूरी है। मस्जिद में किसी को एकत्र नहीं किया जा रहा है। सरकार मूल अधिकारों पर रोक नहीं लगा सकती, जबकि राज्य सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन घोषित करने के कारण सभी प्रकार के आयोजनों व सामूहिक रूप से एकत्र होने पर रोक लगाई गयी है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के तहत एहतियाती कदम उठाये गये हैं। 

बता दें कि जनहित याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार ने जवाब दाखिल किया था। कोर्ट ने याची अधिवक्ता सैयद सफदर अली काजमी को प्रत्युत्तर दाखिला करने का समय दिया था, जिसके बाद मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने जवाब दाखिल कर याची की मांग को निराधार बताते हुए याचिका खारिज करने की मांग की थी। कहा गया कि लॉकडाउन में सरकार बिना भेदभाव के कार्य कर रही है। नागरिकों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाये गए हैं।

गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने लाउडस्पीकर से मस्जिदों में अजान पर रोक लगाने के डीएम गाजीपुर के निर्देश के खिलाफ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि जिलाधिकारी गाजीपुर का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है। कोरोना वायरस महामारी से देश की जनता परेशान है। सभी लॉकडाउन नियमों का पालन कर रहे हैं। लोग अपने-अपने घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, परंतु जिलाधिकारी ने अपने मौखिक निर्देश से जिले में अजान पर रोक लगा दी है। पत्र का संज्ञान लेकर हाई कोर्ट से उचित कार्रवाई करने व न्याय की मांग की गयी है।

सरकार की तरफ से कहा गया है कि जिलाधिकारी ने विगत मार्च माह से ही केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत किसी भी प्रकार के सामूहिक धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगायी है। यह रोक नवरात्र, रामनवमी, आंबेडकर जयंती, ईस्टर व नमाज आदि सारे कार्यक्रम पर लगी है। गाजीपुर जिला में भी कुछ कोरोना के केस मिले थे। इस कारण भीड़ को रोकने के लिए सामूहिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जा रही है।


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